प्रयागराज। (Prayagraj) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महानिदेशक बेसिक शिक्षा को निदेश दिया है कि अध्यापकों से अध्यापन कार्य ही लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि उनसे राज्य के लिए अतिरिक्त कार्य लेना जरूरी हो तो अध्यापन कार्य प्रभावित किए बगैर ही ऐसा किया जाए।यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने चंदौली के प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक विवेकानंद दुबे की याचिका पर दिया है। याचिका में महानिदेशक के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि वह गेम्स टीचर और प्रधानाध्यापक है।
उसका कार्य अन्य अध्यापकों की तरह अध्यापन नहीं है इसलिए उसकी खेल, स्काउट के लिए प्रतिनियुक्ति को मनमाने तौर पर वापस न लिया जाए। कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
इसी के साथ कोर्ट ने खेल, स्काउट आदि कार्य के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अध्यापकों को उनके मूल पद पर अध्यापन कार्य के लिए वापस बुलाने के आदेश को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है और कहा है कि अध्यापकों से गैर शैक्षिक कार्य न लेने के लिए तत्काल आदेश निर्गत किए जाएं।कोर्ट ने महानिदेशक बेसिक शिक्षा के प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए सभी अध्यापकों को उनके मूल पद पर भेजने के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी आदेश पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है और कहा कि अध्यापकों से अध्यापन के सिवाय अन्य कार्य न लिया जाए क्योंकि जिस पद पर उनकी नियुक्ति की गई है, उनसे वही कार्य लिया जाए।
प्राथमिक कर्तव्य (अध्यापन कार्य) के बाद ही जरूरी होने पर उनसे अतिरिक्त कार्य लिया जाए। कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।
अध्यापकों से लिया जाये अध्यापन का ही काम : हाईकोर्ट
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