सादा व सुन्नत तरीके से निकाह की रस्मों को करे मुस्लिम समाजः उलमा

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अवधनामा संवाददाता

फ़िरोज़ ख़ान देवबंद(Firoz Khan Deoband.)  निकाह को आसान बनाने और फिजूल खर्ची से लोगों को बचाने के लिए आल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड के अभियान के तहत इस्लामी मुआशरा (समाज सुधार) जलसे का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों से सुन्नत तरीके से निकाह किए जाने का आह्वान किया गया।
नगर के मोहल्ला लहसवाड़ा स्थित जामा मस्जिद में आयोजित जलसे में दारुल उलूम वक्फ के उस्ताद-ए-हदीस मौलाना फरीदुद्दीन कासमी ने कहा कि दहेज की लानत से समाज को पाक रखना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है। निकाह को सादा व मसनून तरीके पर अंजाम देने के लिए दूसरी जगहों पर निकाह का सिलसिला खत्म करके मस्जिदों में निकाह की तमाम रस्में पूरी की जाएं।

उन्होंने हर मुसलमान को सादा निकाह अभियान से जोड़े जाने का आह्वान किया। मदरसा जामिया तुश शेख हुसैन अहमद अल मदनी के उस्ताद मौलाना इबादुल्लाह अमीन कासमी ने कहा कि सुखी जीवन के लिए युवा पीढ़ी को यह तय करना होगा कि डीजे, बाजा, नाच गाना, हल्दी मंढ़ा जैसी रस्मों रिवाज को समाप्त करते हुए हजरत मोहम्मद साहब के मार्गदर्शन के मुताबिक निकाह करना चाहिए और वलीमे में भी फिजूल खर्ची से बचना चाहिए। बच्चों की तालीम व तरबियत पर पूरा ध्यान देना चाहिए।  मेहंदी हसन  कासमी ने कहा कि आल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड की कमेटी पिछले दो माह से लगातार आसान व सुन्नत तरीके से निकाह के अभियान को चलाकर मुस्लिम समाज के लोगों को जागरुक करने का काम कर रही है। इसमें मुफ्ती असजद कासमी, मौलाना अनवारुलहक कासमी, मौलाना अब्दुल्लाह आजाद मजाहिरी, मौलाना कारी रहीमुद्दीन  कासमी आदि मौजूद रहे।

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