अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा और ब्रिटेन द्वारा संयुक्त रूप से लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से चीन बौखला गया है. चीन पर यह प्रतिबन्ध पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में हुए मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप में लगे हैं. प्रतिबन्ध लगने के बाद चीन ने प्रतिबन्ध लगाने वाले देशों के राजनयिकों को तलब कर उनसे कहा है कि उन्हें अपनी मूर्खता और अहंकार की कीमत चुकानी होगी.
चीन ने कहा है कि इन प्रतिबंधों के ज़रिये चीन के लोगों की प्रतिष्ठा का तिरस्कार किया गया है. यह चीन को बदनाम करने की साज़िश है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चुनइंग ने कहा है कि अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए चीन के दृढ़ निश्चय को कम नहीं आंकना चाहिए.
चीन ने कहा है कि एकतरफा प्रतिबंधों के सभी रूपों का विरोध करने के लिए सभी देशों को एक साथ खड़ा होना चाहिए. चीन की तरह से रूस यूक्रेन के खिलाफ मानवाधिकार हनन और सैन्य आक्रामकता पर पश्चिमी प्रतिबंधो का सामना कर रहा है. रूस ने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वह सब देशों पर अपने नियम थोपने की कोशिश कर रहा है.
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चीन और रूस ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि एक संप्रभु राष्ट्र के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप अस्वीकार्य है. चीन ने कहा है कि शिनजियांग के उइगर और मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों ने स्वेच्छा से नौकरी के प्रशिक्षण और कट्टरपंथ से बाहर निकालने के पाठ्यक्रम में भाग लिया. चीन ने इस बात से भी इनकार किया कि दस लाख से अधिक लोगों को जेल जैसे शिविरों में बंद किया गया है.