बीएचयू ट्रामा सेंटर (BHU Trauma Center ) परिसर स्थित दंत चिकित्सा (Dentistry) विज्ञान संकाय का संचालन किया जाता है। यहां केवल वाराणसी (Varanasi ) ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के मरीजों के साथ ही बिहार तक के मरीज बेहतर इलाज के लिए आते हैं। सोमवार को भी हर दिन की तरह मरीज ओपीडी में चिकित्सक को दिखाने आए। इसमें कुछ मरीजों का ऑपरेशन भी होना था। बताया जा रहा है कि पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार चिकित्सकों ने एक मरीज की सुबह करीब दस बजे सर्जरी शुरू की।
ऑपरेशन के बीच 10.20 बजे बिजली चली गई तो चिकित्सक परेशान हो गए। ऑपरेशन में कोई बाधा न आए, इसलिए तुरंत चिकित्सकों ने मोबाइल का टार्च जलाकर सर्जरी को जारी रखा। यही नहीं सर्जरी करने वाली टीम के सदस्यों ने यहां बिजली कटने, वैकल्पिक व्यवस्था में भी प्रकाश की व्यवस्था खराब होने का जिक्र अपनी रिपोर्ट में की है। इतनी बड़ी लापरवाही उजागर होने पर अब देखना है कि इस मामले में बीएचयू प्रशासन क्या निर्णय लेता है।
बीएचयू जैसे बड़े संस्थान में जब इस तरह के हालात हैं तो बाकी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों की बात तो भूल जाइए। आम तौर पर यही माना जाता है कि बीएचयू में वो सभी सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी, जो एक उच्च स्तरीय संस्थान में मिलती हैं। जिस तरह से सोमवार को बिजली गुल हो गई और चिकित्सकों को मोबाइल की रोशनी में सर्जरी करनी पड़ी। हालांकि एक वीडियो भी सर्जरी का है, जिसमें सर्जरी करने वाले कुछ लोग इस तरह की स्थिति आए दिन होने की बात कह रहे हैं।
दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय के संकाय प्रमुख प्रो. विनय श्रीवास्तव का कहना है कि संकाय में बिजली व्यवस्था को दुरूस्त कराया जा रहा है। इस वजह से ही कुछ देर के लिए करीब एक घंटे से डेढ़ घंटे तक बिजली काटी गई थी। हालांकि यहां मरम्मत संबंधी काम कराने की सूचना भी संबंधित लोगों को पहले ही दी जा चुकी थी। बिजली कटने के बाद जेनरेटर भी चलाया गया। मोबाइल की रोशनी में सर्जरी होने की बात की जांच कराई जाएगी, जिससे कि वस्तुस्थिति पता चल सके।