टीएमयू में भी खुले इंडस्ट्री रिसर्च डाटाबेस के नए द्वार  

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तीर्थकर महावीर विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय में जर्मनी की इंडस्ट्री शोध डाटाबेस- स्टेटिस्टा का शुभारम्भ, इससे पूर्व यह सुविधा आईआईएम सरीखे उच्च शिक्षण संस्थानों तक ही थी सीमित  

 

तीर्थकर महावीर विश्वविद्यालय शोध के प्रति बेहद संजीदा है। यूनिवर्सिटी ने शोधार्धियों के लिए इंडस्ट्री में रिसर्च की सहूलियत के तौर पर ऊँची छलांग लगाई है। इंडस्ट्री में रिसर्च के इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिए टीएमयू में भी अब नए द्वार खुले हैं। तीर्थकर महावीर विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय में जर्मनी की इंडस्ट्री शोध डाटाबेस- स्टेटिस्टा का शुभारम्भ कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह ने किया है। इस मौके पर रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, एसोसिएट डीन डॉ. मंजुला जैन, पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. मो. नासिर, उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. विनीता जैन के अलावा दो दर्जन से अधिक निदेशक, प्रोफेसर, फैकल्टी आदि मौजूद रहे। रजिस्ट्रार डॉ. शर्मा ने बताया, निजी विश्वविद्यालयों में रिसर्च की यह आधुनिक तकनीकी मुहैया कराने वाला तीर्थकर महावीर विश्वविद्यालय उत्तरी भारत का प्रथम संस्थान है। डॉ. शर्मा बोले, इससे पूर्व यह सुविधा देशभर के आईआईएम सरीखे उच्च शिक्षण संस्थानों में ही सीमित थी। विश्व के जाने-माने लगभग 200 विश्वविद्यालय स्टेटिस्टा के सदस्य हैं।

New doors of industry research database open in TMU as well

विश्व के सबसे प्रसिद्व स्टेटिस्टा डाटाबेस स्रोत को शोध छात्रों के लिए विश्वविद्यालय ने अपने आई़ पी़ एड्रेस से सम्बद्ध किया है, जिससे शोधार्थी विश्वविद्यालय कैंपस में बहुत आसानी से इसका प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने इसे सभी शोध छात्रों से इसे अधिक से अधिक प्रयोग करने की अपील की, जिससे उनके शोध कार्य में गुणवत्ता के साथ नवीनता भी आएगी। एसोसिएट डीन डॉ. मंजुला जैन ने स्टेटिस्टा को विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया। स्टेटिस्टा एक जर्मन डाटाबेस प्रस्तुत करने वाली कम्पनी है, जिसके एजुकेशनल बोर्ड मेम्बर दुनिया की शोध कम्पनियों का डाटा एकत्र कर उनका आंकलन और विश्लेषण करने के बाद स्टेटिस्टा के माध्यम से नवीन शोधार्थियों के लिए उपलब्ध करवाता है। यह बाजार और उपभोक्ता डेटा में विशेषज्ञता रखता है। स्टेटिस्टा  के अंतर्गत 22,500 से अधिक स्रोतों और 170 विभिन्न उद्योगों से 80,000 से अधिक विषयों पर 10,00,000 से अधिक आँकड़े शामिल हैं। उप पुस्तकालयध्यक्ष डा. विनीता जैन ने इसे शोध छात्रों के लिए पुस्तकालय का एक बेहतरीन टूल बताया। इस अवसर पर पुस्तकालय परिवार से श्री अमित कुमार, श्री महेश सिंह रावत, श्री अनिल कुमार पाल, श्री विपिन कुमार, श्री आशुतोष कुशवाह, श्री योगेन्द्र वर्मा आदि उपस्थित रहे।

 

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