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हनुमान कहानी : सिंदूर चढाने की
आप देखते होंगे की श्री हनुमान बालाजी को उनके भक्त पूजन के दौरान सिंदूर चढाते है और उनका चोला भी सिंदूरी रंग का होता है | सिंदूर को हिन्दू धर्म में बहूत ही पवित्र को दीर्घ आयु का प्रतिक माना गया है | हनुमान जी के साथ साथ बहूत सारे देवी देवताओ के सिंदूर चांदी के व्रक के साथ चढ़ा कर श्रींगार किया जाता है |
आइये जाने क्यों चढ़ाया जाता है हनुमान जी के सिंदूर और इसके पीछे क्या कहानी है |
शास्त्रों में एक प्रसंग बताया गया है, जो कि काफी प्रचलित है। इसके अलावा सिंदूर से चोला चढ़ाने के पीछे कुछ और भी कारण हैं।
रामचरितमानस के एक प्रसंग में एक बार जब हनुमान जी ने जानकी माता को सिंदूर लगते हुए देखा तो कौतुहल वश पूछ लिया की वो ऐसा क्यों करती है | इस पर माता सीता ने बताया की वो सिंदूर अपने पति श्री राम के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए लगाती है |
हनुमान जी को यह बात भा गयी | उन्होंने सोचा की एक चुटकी सिंदूर में जब इतनी शक्ति है तो यदि वो पुरे शरीर पर प्रभु श्री राम के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए लगा ले तो यह ज्यादा लाभकारी होगा | बस यही सोच कर हनुमान जी अपने पुरे शरीर पर सिंदूर लगा ली | तभी से बजरंग बली को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
सिंदूर के पीछे वैज्ञानिक कारण :
सिंदूरी रंग वैज्ञानिक कारण से उर्जा का प्रतिक है | महाबली हनुमान को उर्जा लिए हुए सिंदूरी रंग लगा कर उनके बल को और बढाया जाता है | इसी रंग से भक्त जब अपने सिर पर तिलक करते है और सिर पर उर्जा का केंद्र स्थापित हो जाता है | प्रतिदिन हनुमान के चरणों का सिंदूर अपने सिर या मस्तक पर लगाने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और विचार सकारात्मक बनते हैं। जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं और मन शांति से भरा होता है |
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