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लखनऊः साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में सजा पा चुके राम रहीम के डेरे की कहानियों के तार लखनऊ से भी जुड़ गए हैं। इसी कड़ी में राम रहीम पर शवों और मानव अंगों की अवैध तस्करी का आरोप लग रहा है। बता दें कि एक निजी मेडिकल कॉलेज में राम रहीम के 14 अनुयायियों के शव अवैध तरीके से लाए जाने का मामला सामने आया है। बक्शी का तालाब स्थित जीसीआरजी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने डेरा सच्चा सौदा के आश्रम से 14 शव मंगवाए थे। इन शवों के साथ न कोई डेथ सर्टिफिकेट था और न ही सरकार की अनुमति का पत्र।
छानबीन में जुटी पुलिस
मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस ने कॉलेज प्रबंधक से शवों से जुड़े कागजात कब्जे में लेकर छानबीन शुरु कर दी है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने पिछले दिनों यहां निरीक्षण किया था, इसमें मेडिकल की पढ़ाई के लिए एक भी शव न मिलने पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद कॉलेज ने जनवरी से अगस्त के बीच 14 शव मंगाए।
क्या कहना है कॉलेज ट्रस्टी का?
इस मामले में कॉलेज के ट्रस्टी ओमकार यादव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में आई सभी 14 डेड बॉडी डोनेशन में दी गई है। इनके लिए एसएसपी या किसी भी सरकारी अनुमति की जरुरत नहीं होती है। हमारे पास सभी शवों के डोनेशन पेपर हैं। अगर किसी कोई शक है तो वह इन कागजों की जांच करवा सकता है।
लावारिस शवों की खिरद-फरोख्त का धंधा खूब फलफूल रहा
एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि मार्च से जून के बीच यहां 14 डेड बॉडी आई थी। ये डेड बॉडी परिवारीजनों द्वारा स्वीकृति पत्र देने के बाद सुपुर्द की गई है। इस संबंध में आईएमसी से रायसुमारी की जाएगी। मेडिकल कॉलेज में एनोटोमी की पढ़ाई के लिए शवों की जरुरत होती है। जिसकी वजह से लावारिस शवों की खिरद-फरोख्त का धंधा खूब फलफूल रहा है।
पुलिस की मिलीभगत से होता है इन लाशों का धंधा
गौरतलब है कि 3 साल पहले दक्षिण भारत के एक रसूखदार व्यक्ति की मौत फैजाबाद रोड पर सड़क हादसे में हो गई थी। शव को लावारिस मानकर एक निजी कॉलेज को बेच दिया गया था। बाद में पता चलने पर उसे वापस मंगवाकर मोर्चुरी में रखा गया था। लावारिस लाशों के खरीद फरोख्त में ज्यादातर मामले सड़क हादसों से जुड़े हैं। पुलिस की मिलीभगत से इन लाशों का धंधा होता है।
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