संसारिक विषयों से मुक्ति पाने के लिये भक्त को सुननी चाहिये श्रीमद्भागवत कथा- लक्ष्मी प्रिया
लखनऊ 23 दिसम्बर। ‘‘ये मानवा पाप कृतस्तु सर्वदा सदा दुराचार रतः विमार्गगा। क्रोधाग्नि दग्धा कुटिलाश्चि कामिनाः सप्ताह यज्ञेन कलौ पुतन्ति ते।।’’ भागवत महात्म्य में संसारिक विषयों से मुक्ति पाने के लिये भक्त को श्रीमदभागवत की कथा अवश्य सुननी चाहिये। विश्वनाथ मन्दिर के 29वें स्थापना दिवस के मौके पर श्रीरामलीला पार्क सेक्टर-’ए’ सीतापुर रोड योजना कालोनी में स्थित मन्दिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन बुधवार को भागवत कथा सुनाते हुए कथाव्यास आचार्य लक्ष्मी प्रिया ने कहाकि जो व्यक्ति हमेशा पापकर्म करते रहते हैं, वाममार्गी हैं, क्रोध रूपी अग्नि में जला करते हैं, कुटिल हैं, कामी है, जिन्होंनें जीवन में कभी सत्य न बोला हो, माता-पिता का वध करने वाले हो, मदिरापान करने वाले हो और ब्रह्म हत्या करने वाले हो वह भी श्रीमद् भागवत कथा सुनकर अपने पाप कर्मों से मुक्त हो जाते है। संसारिक विषयों से मुक्ति पाने का उपाय बताते हुये आचार्य लक्ष्मी प्रिया ने कहाकि जो मन, वाणी और ह्दय से हमेशा पाप ही किया करते है, हठी ही रहते है, स्वंय परिश्रम न करके दूसरों पर आश्रित रहते है, मलिन हैं और दूसरों की निन्दा किया करते हैं। श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के द्वारा वह भी मुक्त हो जाते है। इस मौके पर कमलेश दूबे, पं. वरुण श्याम पांडेय, रामकुमारी सोनी, सरोज पांडेय व कौशल किशोर पाण्डेय सहित काफी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।
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