लखनऊ. (26.11.2020) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वास्तव में दलित मित्र हैं। उन्होंने हमेशा कमजोर वर्ग के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। जो काम पिछली सरकारों ने नहीं किए वह योगी आदित्यनाथ ने कर दिखाए। दलित समाज ने योगी आदित्यनाथ के राजकीय शिक्षण संस्थाओं को इकाई मानकर आरक्षण दिए जाने के कैबिनेट के फैसले का स्वागत किया है। ये बातें अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कही है।
डॉ. निर्मल ने कहा है कि केंद्र की मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गैरबराबरी को दूर करना चाहती है। यही वजह है कि कानून बनाकर कई सुधार किए जा रहे हैं, जो आजादी सात दशक बाद तक नहीं हो पाए। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षण व्यवस्था में किए गए बदलाव की तर्ज पर इसे भी लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश शैक्षिक संस्थान अध्यादेश 2020 से हाशिए के समाज को एक नई दिशा दी है। दलित वर्ग इससे बहुत खुश है और इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देता है। इस विधेयक के कानून बनते ही यूपी के राज्य विश्वविद्यालयों एवं एडेड डिग्री कॉलेजों को अब इकाई मानकर शिक्षकों के पदों पर आरक्षण लागू किया जाएगा। वहीं राजकीय डिग्री कॉलेज में इसे सभी संस्थाओं को मिलाकर एक इकाई मानकर आरक्षण लागू होगा। अभी तक विभाग स्तर पर आरक्षण लागू होने पर पांच से कम पदों पर अनुसूचित जाति के वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता था। एससी कटेगरी के लोगों के लिए सीट आरक्षित नहीं हो पा रही थी। उन्हें नुकसान हो रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। डॉ. निर्मल ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए उत्तर प्रदेश के दलितों को ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है और कहा है कि वे सही अर्थों में दलितों के रहनुमा हैं।