AMU के JNMC में 54 वर्षीय एक व्यक्ति के 24 किलो ट्यूमर का आपरेशन किया गया

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालिज में 54 वर्षीय एक व्यक्ति के 24 किलो ट्यूमर का आपरेशन किया गया। डा० शाहबाज हबीब फरीदी के नेतृत्व में सर्जनों की एक टीम ने सर्जरी विभाग के प्रोफेसर सैयद हसन हारिस की देखरेख में इस जटिल  आपरेशन को अंजाम दिया।


अलीगढ़ के छर्रा के रहने वाले सीताराम करीब डेढ़ साल से पेट दर्द से परेशान थे। प्रोफेसर हसन हैरिस ने कहा कि सीताराम ने उत्तर प्रदेश और दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में दिखाया गया परन्तु उन्हें उचित इलाज नहीं मिला। निजी अस्पतालों में फीस अधिक थी और महामारी के कारण अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज नहीं किया जा सकता था।
डा० शाहबाज हबीब फरीदी ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालिज में आने पर उन्होंने परीक्षण किए जिसमें पता चला कि इस केस में सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि यह एक जटिल सर्जरी थी जिसमें जोखिम था क्योंकि पेट के कई हिस्सों में ट्यूमर फैल चुका था।
डा० हबीब फरीदी के साथ उनकी टीम में शामिल डा० आकिफ फरीदी, डा० दानिश, डा० सुसंता, डा० नोहा और डा० हर्षित ने आपरेशन किया, जबकि डा० फराह नसरीन ने एनेस्थीसिया दिया। डा० हबीब फरीदी ने कहा कि ट्यूमर के नमूने की पैथोलाजिकल जांच प्रोफेसर महबूब हसन और डा० बुशरा सिद्दीकी द्वारा की जा रही है और रिपोर्ट मिलने के बाद मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि मरीजों में आमतौर पर इतना बड़ा ट्यूमर नहीं होता है और सभी जटिलताओं के बावजूद, डाक्टरों ने सफलतापूर्वक आपरेशन पूरा किया जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालिज सर्जनों ने कोविद 19 की महामारी के बावजूद कई जटिल सर्जरी की है, हालांकि देश के अधिकांश अस्पताल महामारी से प्रभावित हैं।
प्रोफेसर राकेश भार्गव (डीन, मेडिसिन संकाय), प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी (प्रिंसिपल, जेएन मेडिकल कालिज) और प्रोफेसर सैयद अमजद अली रिजवी (अध्यक्ष, सर्जरी विभाग) ने डाक्टरों की टीम को बधाई दी और रोगी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

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