“आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी)” को चरणबद्ध तरीके से खोलने की तैयारी : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी : जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल द्वारा “आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी)” को चरणबद्ध तरीके से खोलने की तैयारी की जा रही है। जेएनएमसीएच के प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी इस संबन्ध में विश्वविद्यालय के अधिकारियों और विभागाध्यक्षों से परामर्श करेंगे तथा अगले कुछ दिनों में कोविड-19 परिस्थिति एवं स्टाफ तथा संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर निर्णय लिया जायेगा। ज्ञात हो कि जेएनएमसी अस्पताल में अब तक विभिन्न ओपीडी आन-लाइन माध्यम (टेलीमेडिसिन) से काम कर रहे हैं।
प्रोफेसर सिद्दीकी ने बताया कि ओपीडी की अनिवार्य सावधानियां जैसे सामाजिक दूरी, स्वच्छता, सफाई, मास्क पहनना आदि का कड़ा पालन किया जायेगा। ओपीडी के खुलने से कोविड-19 परीक्षण के लिए स्वयंसेवियों के नामांकन में भी मदद मिलेगी।
कोवैक्सिन के तीसरे चरण के परीक्षण के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर प्रो मोहम्मद शमीम ने बताया कि टीका परीक्षण के लिए पंजीकरण कार्य संतोषजनक रूप से चल रहा है परन्तु कोवैक्सिन परीक्षण के लिए बहिष्करण सहित समावेशी मानदंड तथा अन्य विस्तृत प्रोटोकाल औपचारिकताएं भी हैं। उन्होंने बताया कि स्वंयसेवियों से लिखित सहमति और अन्य संबंधित औपचारिकताओं को समय से पूरा कर लिया जाएगा।
प्रोफेसर शमीम ने बताया कि कोविड-19 टीका “कोवैक्सिन“ के फेज-3 ट्रायल के लिए कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सबसे पहले स्वंय का पंजीकरण कराया था परन्तु परीक्षण के लिए अनिवार्य प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण में भाग लेने वाले व्यक्ति को अध्ययन में नामांकन से पूर्व 4 सप्ताह के भीतर कोई अन्य प्रचलित अथवा प्रयोगात्मक टीका नहीं लिया जाना चाहिए था। कुलपति के हालिया चिकित्सा इतिहास के अध्ययन से पता चला है कि कुछ दिनों पूव कुलपति को इन्फ्लूएंजा वैक्सीन (फ्लुअरेक्स-टेट्रा) दिया गया था जो उन्हें वार्षिक रूप से दिया जाता है। चूंकि उनका मामला वैक्सीन परीक्षण के लिए प्रस्तावित प्रोटोकॉल के अनुसार बहिष्करणीय मानदंडों में आता है, अतः उन्हें परीक्षण में शामिल नहीं किया जा सकता है और इसलिए उनका नाम परीक्षण के प्रारंभिक अध्ययन अवधि में शामिल नहीं किया जाएगा।


ट्रायल के लिए अब तक 250 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। सभी आवेदनों की अध्ययन एवं परीक्षण में शामिल करने से पूर्व आईसीएमआर द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल और प्रक्रिया के अनुसार जांच की जाएगी। टीका परीक्षण के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण के उद्देश्य से भारत बायोटेक के रिसोर्स पर्सन आने वाले दिनों में एएमयू का दौरा करेंगे।

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