पयाम इ इंसानियत कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिया गया भाईचारा बढ़ाने का सन्देश 

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“आपसी भाईचारा व अमन का सन्देश देता है इस्लाम ”
बज़्म इ ख़वातीन ने नवम्बर 15 को जश्न ए आमद ए रसूल के मौके पर “पयाम-इ- इंसानियत” कांफ्रेंस का आयोजन जानना पार्क अमीनाबाद में किया | कार्यक्रम क दौरान शहनाज़ सिदृत ने कहा की हमारे नबी ने अपने जीवन के हर एक वाक्यों से हमे शांति व अमनपसन्दी सिखाई है और ये उन्ही के सीख का नतीजा है की आज भी इस्लाम सनातन धर्म के साथ शान्तिपूर्वक सह अस्तित्व बनाये है| उन्होंने कहाँ की जो सौहार्दय दोनों कौमों के बीच प्राचीन काल से चला आ रहा है आज हम उसी को आगे बढ़ाएं और नबी के दिखाए रास्तों पर चले| कोविद-१९ से बचाव की बात करते हुए बेगम शहनाज़ सिदृत ने कहा की सरकार द्वारा दी गयी दिशा निर्देशों का पालन करने के साथ ही हमे खुद भी मास्क व सांइटिज़ेर का प्रयोग करना चाहिए |

कोविद लॉकडाउन के संघर्षों की बात करते हुए उन्होंने बताया की लॉकडाउन के समय बहुत से लोगों ने आपदा को अवसर में बदला और आत्मनिर्भर बनी|कुलसुम, निदह, नशरीन, कुरेशा, शैल त्रिवेदी को पुरस्कार से सम्मानित करते हुए शहनाज़ सिदृत ने कहा की इन खावतीनो ने कोविद के समय को अवसर में बदला और आत्मनिर्भर बनी |इसीक्रम में उन्होने आत्मनिर्भर भारत योजन की तारीफ करते हुए इसका लाभ लेने के लिए खवातीनो को भी प्रेरित किया तथा योगी सरकार से आल इंडिया तालीम घर से उर्दू टीचर्स ट्रेनिंग किये हुए में से कुछ बच्चो को उर्दू टीचर्स भर्ती में समयोजित करने की अपील की | पार्टी विशेष भावना पर व्यंग करते हुए उन्होंने कहा की लोगों को राजनितिक पार्टियों के उकसाने पर नहीं आना चाहिए और न ही जाती या धर्म के आधार पर वोट करना चाहिए| आज़म खान की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा की आज तक आज़म खान ने कौम व देश के भले के कुछ भी नहीं किया इसलिए मुसलमानो को अब बदलना होगा और उन लोगों को आगे बढ़ाना होगा जो कौम के साथ साथ देश का भी भला करें | कार्यक्रम का सञ्चालन बेगम शहनाज़ सिदृत ने किया जिसमे कोविद-१९ के गाइडलाइन्स का पूरा ख्याल रखते हुए सैनिटाइज़र व सोशल डिस्टन्सिंग रखी गयी |
अतः आप महोदय से अनुरोध है की उक्त कार्यक्रम को अपने सम्मानित समाचार पत्र में उचित स्थान देने हेतु इसे प्रकाशित करने की कृपा करें|

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