लखनऊ 29 अक्टूबर
“इस्लाम और विशेष कर सूफी मत में इस तथ्य पर बल दिया गया है की मानवता सर्वोच्च है पैगंबर हज़रत मोहम्मद स. अ.व स को सारे ब्रह्माण्ड के लिए रहमत बना कर भेजा गया है इसी लिए मेरे सैयद हुसैन चिश्ती के जीवनकाल में भी हर धर्म और सम्प्रदाए के श्रद्धालु उनके समक्ष आकर अपनी मुरादें बताते और अपनी समस्याओं का समाधान पाते थे “इन विचारों का उदगार अनुपम साहित्यकार और शयर सुहैल काकोरवी ने मेरे सैयद हुसैन चिश्ती के त्रिदिवसीय उर्स समारोह में किये जिसका प्रारम्भ क़ारी मोइनुद्दीन ने क़ुरआन पाक की तिलात से किया उन्होंने ने पैग़ंबर साहब की महिमा में कवितायेँ भी पढ़ी. संडीला के युवा शायर दावर रज़ा संदीलवी में कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द को प्रबल करने के लिए सूफियों के आदर्श जीवन का अनुसरण आवश्यक है। संजय मिश्रा शौक़, शेख असद, आमिर मुस्तफ़वी, अरशद शेख ,आलम शेख, हसन मुस्तफ़ा ,एहतशाम शेख ,सचिन खरे ,नासिर अख्तर, रिज़वान अख्तर, कामरान अख्तर, सुबूर खान अर्शी, डॉ यासिर जमाल ,ज़फर खान आदि ने मीर सैयद हुसैन चिश्ती की शिक्षाऐं सार्वजनिक करने की महत्ता पर प्रकाश डाला।
सज्जादानशीन शेख अतहर शेख ने अतिथियों का अभिनंदन किया और देश और देशवासियों की सलामती की दुआ की विशेष कर करोना के समस्त संसार से अंत की कामना की
मज़ार के ग़ुस्ल और क़ुरआन पाठ के साथ उर्स का समापन हुआ
लालबाग़ में हज़रत मीर सैय्यद हुसैन चिश्ती र.उ.अ.के उर्स का समापन।
Also read