दुर्गोत्सव में विजय दशमी की पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन 

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सीतापुर  श्री श्री सर्वजनिन दुर्गोत्सव में पांच दिवसीय कार्यक्रम विजय दशमी की पूजा के साथ सपन्न हुआ। तत्प्श्चात श्रदालुओ को प्रसाद वितरण किया गया। बंगाल में दुर्गा मां की मूर्ति विसर्जन के पहले खेला जाने वाला सिंदूर उत्सव पूरे देश में मशहूर है। विसर्जन के पहले सभी सुहागन औरतें कोविड नियमो का पालन करते हुए लाल वस्त्र धारण कारण कर एक दूसरे को सिंदूर लगाकर शुभकामनाएं दी। मूर्ति विसर्जन के पूर्व निधी चक्रवर्ती ने माँ के पीछे चावल फेक कर विदाई दी। इसी के बाद मां की मूर्ति को विसर्जन के लिए बड़ा कुंड बनाया गया । इसमे मूर्तियों को विसर्जित कर कुंड को मिट्टी से पाट कर माँ को विदाई दी गयी। इस  दौरान आकाश राय, रंजीत दास, संजीव दास, एन एन चटर्जी, विश्वजीत पोले, एस के दत्ता, बी सी मजुमदार, पंकज मुखर्जी, आदि उपस्थित रहे।

कोविंड के चलते 45 वर्ष पुरानी आध्यात्मिक परम्परा खंडिट
पुरातन समय से चली आ रही आध्यात्मिक नियम के अंतर्गत माँ का आमंत्रण  और विदाई एक ही महिला दवारा किया जाता रहा है। कोरोना वायरस महामारी के चलते कमेटी के महिला पदाधिकारी नीता दास व मिसेज मजुमदार ने निर्णय लिया कि आमंत्रण  व विदाई अलग अलग महिलाओ दवारा करवाया जाय। इसी के तहत आमंत्रण वंदना राय व विसर्जन निधी चक्रवर्ती दवारा कराया गया।
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