सीतापुर जनपद जो की एक कृषि समृद्ध जनपद है यहाँ कृषकों द्वारा विविधितापूर्ण कृषि की जाती है, जो गन्ना, धान, गेहूं, मेंथा, केला, व सब्जियों के उत्त्पादन से परिपूर्ण है। मुख्य फसलों की बात करें तो गन्ना व धान यहां की मुख्य फसलें है। जनपद के बिसवां विकास खंड में स्थापित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देशन में क्रियान्वित कृषि विज्ञान केन्द्र, कटिया, नित-नूतन नवाचारों के साथ किसानों के मध्य कार्य कर रहा है। इसी क्रम में बीज के क्षेत्र में कार्य कर रही टाटा समूह की धान्या कम्पनी ने केन्द्र के वैज्ञानिकों के तकनिकी सहयोग से धान की प्रजाति एम आर 8222 का प्रदर्शन आयोजित किया जिसकी आज कटाई के मौके पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। केन्द्र के फसल वैज्ञानिक डॉ शिशिर कान्त सिंह ने बताया की प्रजाति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता, उच्च उत्त्पादन व कम अवधि के साथ किसानों के लिए विशेष है। कम अवधि की फसल होने के कारण किसान भाइयों को रवी फसलों की बुवाई के लिए प्रयाप्त समय मिल जाता है। प्रसार वैज्ञानिक श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रजाति की विशेषता यह है कि मोटे दाने के साथ-साथ बालियों में दानों की संख्या अधिक होती है जिससे किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
केन्द्र के मुदा वैज्ञानिक श्री सचिन प्रताप तोमर ने बताया कि सिंचाई की उचित व्यवस्था ना होने की अवस्था में भी इस प्रजाति की बुबाई की जा सकती हैं जिससे किसानो को लाभ मिलेगा ।
क्षेत्रीय प्रबंधक सीतापुर, धान्या सीड्स श्री आलोक सिंह ने कहा कि धान की एम0आर0 8222 प्रजाति बौनी होती है जिससे फसल के गिरने की संभावना न के बराबर होती है व साथ ही कटाई उपरान्त खेत में फसल अवशेष की कम मात्रा होती है । कोरोनाकाल को दृष्टिगत रखते हुए प्रक्षेत्र दिवस का आयेाजन वर्चुअल किया गया जिसमें धन्या कम्पनी से जनरल मैनेजर श्री पी0 के0 राय (लखनऊ), जनरल मैनेजर सेल्स श्री ग्रीस पाण्डेय (लखनऊ), मार्केट डब्लेपमेन्ट आॅफिसर श्री अतुल सिंह, रिजनल मैनेजर, श्री संदीप कुमार सहित क्षेत्र के 20 कृषकों ने प्रतिभाग किया।