कोविड-19 महामारी ने लोगों को मानसिक रूप से भी प्रभावित किया है और सामाजिक दूरी ने मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याओं को भी जन्म दिया है

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा महात्मा गांधी के जयंती पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में प्लेग की महामारी और स्पेनिश फ्लू के समय महात्मा गांधी वहां मौजूद थे और उन्होंने इस महामारी से निपटने में लोगों का सहयोग किया और उन्हें एक टीम के रूप में कार्य करते हुए करूणा भावना के साथ स्वच्छता और अन्य नियमों के सख्त पालन के साथ बीमारी और संक्रमण से लड़ने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने लोगों को मानसिक रूप से भी प्रभावित किया है और सामाजिक दूरी ने मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याओं को भी जन्म दिया है। इस कठिन समय में लोगों के काम आना और उनकी सहायता करना आवश्यक है।
कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अध्यक्षीय उधबोधन में कहा कि लगभग एक शताब्दी पूर्व स्पेनिश फ्लू ने पुरे विश्व को बुरी तरह प्रभावित किया था और इससे निपटने वाले उपायों से हम आज लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने यूरोप में प्लेग और स्पेनिश फ्लू के समय बरते जाने विभिन्न पूर्णग्रहों  का भी उदाहरण दिया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य वक्ता प्रोफेसर पाल बीनो डी मैसकिटा (डायरेक्टर यूआरआई सेंटर फार नानवायलेन्स एण्ड पीस स्टडीज़ यूनिवर्सिटी आफ रोड आइलैंड, यूएसए) ने गांधी जी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के जीवन और संघर्ष की तुलना करते हुए कहा कि गांधी जी का दर्शन सभी धर्मों और विचारधाराओं का एक सुंदर मिश्रण था और मार्टिन लूथन किंग जूनियर उनसे बेहद प्रभावित थे।
एएमयू सहकुलपति प्रोफेसर जहीरउद्दीन ने कहा कि शोषण और हिंसा के विरूद्ध गांधीवादी संघर्ष का तरीका एक राजनीतिक हाथियार के रूप में बहुत कारगर साबित हुआ। इससे विश्व के अन्य आंदोलनों को भी बल प्राप्त हुआ।
इसस पूर्व वक्ताओं का स्वागत करते हुए अंग्रेज़ी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम रिज़वान खान ने कहा कि महात्मा गांधी का इस बात पर विश्वास था कि शिक्षा स्वंय लोगों में चेतना जाग्रत करती है और सर सैयद के भीतर जाग्रत इस बेदारी ने  उन्हें क्रांतिकारी कार्यों की ओर आग्रसर किया जिसका एक उदाहरण एएमयू की स्थापना है। उन्होंने कहा कि एएमयू के शिक्षक भाग्यशाली है कि वह सर सैयद अहमद खान व गांधी जी के पगचिन्हों पर चल रहे हैं।


प्रोफेसर शाहिना तरन्नुम ने वक्ताओं का परिचय कराया। प्रोफेसर विभा शर्मा ने सत्रों की मेज़बानी की। कार्यक्रम में कला संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर मसूद ए० अलवी भी शामिल रहे। उपस्थितजनों का आभार प्रोफेसर सीमीं हसन और प्रोफेसर एसएन जे़बा ने जताया।

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