लखनऊ के हुसैनाबाद क्षेत्र में स्थित केंद्रीय संरक्षित स्मारक छोटा इमामबाड़ा के गेट पर ठाकुरगंज थाने की सतखंडा पुलिस चौकी के द्वारा अवैध निर्माण कर उक्त मुख्य द्वार को विरूपित किये जाने का संज्ञान लेते हुए अधिवक्ता मोहम्मद हैदर , जिन्होंने लखनऊ की सांस्कृतिक विरासत को बचाने की मुहिम चलाते हुए मानीय उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका दर्ज कराते हुए लखनऊ के स्मारकों के रखरखाव को सुनिश्चित कराया है , ने छोटा इमामबाड़ा गेट पर सतखंडा चौकी इंचार्ज के द्वारा उक्त गेट पर अवैध रूप से स्थापित की गयी चौकी का विस्तार / नवनिर्माण , जिसमें सीमेंट मौरंग लगा कर उक्त गेट के स्वरुप को विरूपित कर मौलिक स्वरुप नष्ट किये जाने के विरुद्ध भारतीय पुरातत्व सर्वे, सचिव संस्कृति भारत सरकार, मंडल आयुक्त लखनऊ, पुलिस आयुक्त लखनऊ, जिला मजिस्ट्रेट लखनऊ इत्यादि को नोटिस प्रेषित करते हुए उक्त निर्माण कार्य को तुरंत रोकने एवं अवैध निर्माणकर्ताओं के विरुद्ध केंद्रीय अधिनियम की धारा ३० के अंतर्गत कार्यवाही की अपेक्षा की है ।
उल्लेखनीय है कि छोटा इमामबाड़ा जो कि मोहम्मद अली शाह का मक़बरा के नाम से
नोटिफिकेशन संख्या UP 1645-M/1133 दिनांक 22.12.1920 के माध्यम से संरक्षित स्मारक घोषित हुआ है, पूर्ण रूप से अतिक्रमित है। खेद का विषय है कि यद्यपि भारतीय पुरातत्व सर्वे का सर्किल ऑफिस इस गेट के समीप ही स्थित है, परन्तु सम्बंधित संरक्षण सहायक के द्वारा प्रकरण का संज्ञान न लेकर उक्त अवैध निर्माण को न रुकवाना अत्यंत विस्मय का विषय है एवं अपने सरकारी दायित्वों के निर्वहन में लचरता का द्योतक है ।
मोहम्मद हैदर के द्वारा बताया गया कि यदि ट्रस्ट / भारतीय पुरातत्व सर्वे के द्वारा उक्त अवैध निर्माण ध्वस्त करा कर त्वरित रूप से कार्यवाही नहीं की तो उस दशा में समस्त संबंधितों को निजी रूप से पक्षकार बना कर अवमानना वाद योजित कर सांस्कृतिक घरोहर की रक्षार्थ प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।