अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज, के फार्माकोलोजी विभाग के प्रोफेसर सैयद जिया-उर-रहमान की पुस्तक “फार्माकोलोजी आफ ऐविसिनियन ड्रग्स” का हाल ही में विमोचन किया गया।
इब्ने सीना की 1,000 साल पुरानी पांडुलिपि, रिसाला अल-अदविया अल-कलबिया पर आधारित इस पुस्तक में हृदय तथा रक्त वाहिनी शिराओं से सम्बन्धित रोगों के लिये इब्ने सीना द्वारा प्रस्तावित औषधियों तथा उनके प्रभावों पर चर्चा की गई है।
पुस्तक का विमोचन करते हुए प्रोफेसर एम०यू० रब्बानी (अध्यक्ष, कार्डियोलॉजी विभाग) ने कहा कि प्रोफेसर जिया-उर-रहमान ने इब्ने सीना द्वारा उल्लेखित 63 विभिन्न औषधियों पर एक आधुनिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है।
यह पुस्तक हृदय और रक्त वाहिकाओं और औषधीय पौधों के रोगों पर शोध के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है। पुस्तक का प्राक्कथन प्रोफेसर एम० यूसुफ अमीन द्वारा लिखा गया है। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि लेखक ने कार्डियोलोजी तथा मनोविज्ञान के मौलिक सिद्धांतों को जोड़ने का प्रयत्न किया है।
लेखक प्रोफेसर सैयद जिया-उर-रहमान ने कहा कि हृदय रोग से सम्बन्धित इब्ने सीना द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी, विचार तथा अनुभव तथा बीमारी के इलाज के उनके तरीके आज भी महत्वपूर्ण तथा प्रासांगिक हैं। उन्होंने कहा कि इब्ने सीना ने हृदय तथा मानसिक रोगों के बारे में विस्तार से चर्चा की है तथा इन रोगों का प्राकृतिक उपचार भी सुझाया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों के लिए आवश्यक है कि उपचार के इन तरीकों पर आधुनिक दृष्टिकोण से विचार करें।