Report Hashme Alam
मेरठ में प्राइवेट अस्पतालों की निरंकुशता किस तरीके से बढ़ती जा रही है इसको बताने या समझाने की जरूरत नहीं है। प्राइवेट अस्पतालों की इलाज में लापरवाही और मरीजों से वसूली के मामले दिनों दिन बढते जा रहे हैं ।
थाना लिसाडी गेट स्थित एक निजी अस्पताल का एक मामला सामने आया। जहां पर गर्भवती महिला की डिलीवरी एक आया से करवा दी। मामला जब बिगड़ गया और नवजात की मौत हो गई तो अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही दिखाते हुए मृत नवजात उसकी नानी की गोद में डाल दिया। इतना ही नहीं जब महिला अपनी बेटी को भी अस्पताल से लेकर जाने लगी तो अस्पताल ने इलाज के एवज में 20 हजार रूपये देने की डिमांड कर दी। जिस पर पीड़ित महिला ने इसके लिए मना कर दिया तो अस्पताल ने प्रसूता को अस्पताल में ही रख लिया और बोले कि पहले 20 हजार लेकर आना और फिर प्रसूता को ले जाना।
मृत नवजात को लेकर उसकी नानी कमिश्नरी पहुंची और वहां पर मीडिया को इसकी जानकारी दी। वहीं इस बारे में जब सीएमओ से बात की गई तो उन्होंने इसके बारे में अनभिज्ञता प्रकट की। उनका कहना था कि अगर कोई लिखित में शिकायत करता है तो वे इस पर कानूनी कार्रवाई करेंगे। थाना लिसाडी गेट क्षेत्र में जौहर अस्पताल है जहां पर एक महिला ने अपनी गर्भवती बेटी को प्रसव पीड़ा होने के बाद डिलीवरी के लिए भर्ती कराया। महिला का आरोप है कि उसकी बेटी की डिलीवरी किसी डाक्टर ने नहीं की। एक आया ने उसकी बेटी की डिलीवरी की। जिससे केस बिगड़ गया और नवजात की मौत हो गई। महिला का आरोप है कि जिस समय डिलीवरी करवाई जा रही थी उस समय उनको बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद मृतक नवजात को उनकी गोद में देकर कहा कि इसको ले जाओ। महिला ने जब इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया तो चिकित्सकों और स्टाफ ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
इतना ही नहीं अस्पताल ने डिलीवरी चार्ज और इलाज के नाम पर 20 हजार का बिल भी थमा दिया। महिला ने जब 20 हाजर रूपये देने में असमर्थता जताई तो अस्पताल प्रशासन ने कहा कि 20 हजार रूपये देकर अपनी बेटी को ले जाना। कमिश्नरी चौराहे पर हाथ में नवजात का शव लेकर पहुंची नानी ने फूट-फूटकर अपनी व्यथा सुनाई। वहीं इस बारे में जब सीएमओ डा0 राजकुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास अभी इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। अगर शिकायत आती है तो वे थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई करेंगे।