प्रदूषण से व्योहारिक तरीके से बचाव जरुरी : प्रो गोयल 

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प्रयागराज। कोविड-19 ने न केवल समाज को प्रभावित किया है अपितु विश्व के समस्त अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। अपने अपने घरों में रहकर व्यक्ति एक नए प्रकार के जीवन चर्या की तलाश कर रहे हैं। उपरोक्त विचार प्रोफेसर आर.आर.तिवारी कुलपति इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सी एम पी कॉलेज द्वारा आयोजित प्रथम अंतरराष्ट्रीय वेबीनार मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहे। उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी ने शैक्षिक व्यवस्था को भी अत्यधिक प्रभावित किया है तथा पर्यावरण पर इसके कतिपय धनात्मक प्रभाव भी दृष्टिगोचर होते हैं। वेबीनार के प्रारंभ में इसकी संयोजिका डॉ नीरजा कपूर, जंतु विज्ञान विभाग ने विषय का प्रतिपादन किया तथा इसको विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित करने के औचित्य पर प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ ब्रजेश कुमार ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय के लिए मील का पत्थर साबित होगा। महाविद्यालय के प्रमुख संरक्षक चौधरी जितेंद्र नाथ सिंह जी ने जंतु विज्ञान द्वारा आयोजित किए जाने की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि इस महामारी का किस प्रकार विश्व में प्रभाव बढ़ता रहा तथा हम इसको कैसे संगठित होकर, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, इसका सामना करना चाहिए तथा देश को विकास के पथ पर अग्रसर करना चाहिए।
        वेबीनार के प्रथम विशेषज्ञ प्रो. एम. एम .गोयल पूर्व कुलपति, जे. एन. विश्वविद्यालय, जयपुर ने कहा कि सतत विकास को प्राप्त करने के लिए ,हमें भारतीय अर्थव्यवस्था की व्यावहारिक प्रदूषण से रक्षा के लिए पर्यावरण को स्वच्छ रखते हुए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना होगा तथा प्राकृतिक संसाधनों का कुशलता पूर्वक उपयोग करना होगा। श्री विवेक कक्कड़ ,संयुक्त राज्य अमेरिका के वरिष्ठ प्रबंधक ने विश्व में डिजिटल रूपांतरण के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला तथा यह बताया कि किस प्रकार यह देशों में रिटेल क्षेत्र में परिवर्तन ला रहा है। उदयपुर के प्रो. गणेश कावड़िया ने आर्थिक विकास तथा पर्यावरण के मध्य संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। यू.के.की वरिष्ठ अधिकारी मिस उकसाना कचकन ने ऑफिस के बजाए घर से काम करने की विवशता तथा बदलाव के पक्ष- विषय पर प्रकाश डाला। यू.के. की ही मानवी टंडन ने तकनीकी परिवर्तनों के कोविड-19 के साथ सामंजस्य बैठाने की चर्चा की। इस वेबीनार में डी.आर.डी.ओ,नई दिल्ली से डॉ. इति गर्ग, अफगानिस्तान से डॉ. बलराम रमेश, वाराणसी से डॉ. राधा चौबे, लखनऊ से डॉ. बी. बी. तिवारी , मेरठ से डॉ.नीरज कुमार, टिहरी-गढ़वाल  से प्रो.एस.पी.सती तथा महाराष्ट्र से डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने भी विभिन्न पक्षों पर व्याख्यान  दिए।
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