बीमार किसान के इलाज का जिम्मा भी सरकार ने उठाया
लखनऊ। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाहर से आने वाले मजदूरों व श्रमिकों को लेकर सजग है तो दूसरी तरह प्रदेश में रह रहे गरीबों के लिए मसीहा बने हुए हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार साबित कर दिया कि सेवा परमो धर्म:। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी ने निगोहां के गरीब किसान रामसेवक को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दो लाख रुपये भेजे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर रामसेवक को प्रशासन ने भरण पोषण भत्ता और खाद्यान्न उपलब्ध कराया था। यही नहीं बीमार किसान के इलाज का जिम्मा भी सरकार ने खुद ही उठा लिया है। ऐसे में सरकार की मदद पाकर रामसेवक के परिवार वालों ने मुख्यमंत्री योगी को धन्यवाद कहा है।
दरअसल निगोहां के भगवानपुर के किसान रामसेवक का सरदार पटेल डेंटल अस्पताल में इलाज चल रहा है और अबतक उनकी दो बेटियां आशा (14 साल) और शालिनी (12 साल) रिक्शा ट्रॉली से हर चौथे दिन उनको अस्पताल ले जाया करतीं थीं। रामसेवक और उसके परिवार की परेशानियों के बारे में जैसे ही मालूम पड़ा, तुरंत प्रशासन हरकत में आ गया। मामले का संज्ञान लेते हुए एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाई गई जो रामसेवक को हर चौथे दिन अस्पताल लेकर जाती है। मदद का सिलसिला यहीं नहीं रुका, अस्पताल को निर्देश दिए गए की आयुष्मान कार्ड के माध्यम से इनका इलाज किया जाए, जिससे मरीज को डायलिसिस करवाने में कोई समस्या न आये।
गौरतलब है कि रामसेवक के बीमार होने की वजह से परिवार को भरण पोषण करना मुश्किल हो गया था। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देकर उनकी दोनों बेटियों की पढ़ाई, लिखाई के साथ ही उनके भरण पोषण की भी व्यवस्था कर दी है। मोहनलालगंज एसडीएम पल्लवी मिश्रा ने भी मामले कि गंभीरता समझते हुए स्वयं किसान के घर जाकर सबको मास्क बांटे थे और 5 हजार का चेक दिया था।
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