520 वीसैट की निगरानी कर पूरे राष्ट्र में सुचारु माल परिवहन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा उत्तर मध्य रेलवे

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प्रयागराज : कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन में कम स्टाफ के साथ करते हुए भी इंजीनियरिंग और बिजली विभाग के कर्मचारी उत्तर मध्य रेलवे के सभी कार्यालयों और लगभग 25000 निवासों पर निरंतर पानी और बिजली की आपूर्ति कर रहे सुनिश्चित  . आज जब संपूर्ण राष्ट्र कोविड-19 महामारी के खिलाफ युद्ध रत है और देशव्यापी लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है, उस दौरान भारतीय रेल न केवल पार्सल विशेष और माल गाड़ियों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की सुचारू और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है बल्कि राष्ट्र के कोरोना योद्धाओं को नवाचारों का प्रयोग कर सशक्त भी बना रही है।इसके तहत वेंटिलेटर, पीपीई जैसे चिकित्सा उपकरणों को बनाने, कोचों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित करने और फेसमास्क, सैनिटाइजर इत्यादि को आंतरिक संसाधनों के माध्यम से बनाने का काम कर रही है।
इस दौरान जब ये फ्रंटलाइन कोरोना योद्धा इन सेवाओं को सुनिश्चित कर रहे हैं, तब हजारों रेल कर्मियों पीछे से इन सेनानियों को ताकत प्रदान कर रहे हैं। ये वे रेलकर्मी हैं जो 24×7 काम कर रहे हैं ताकि पानी और बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके और संचार नेटवर्क सुचारु बनाए रखा जाए।
उत्तर मध्य रेलवे में मुख्यालय और 3 मंडल कार्यालयों सहित बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण कार्यालय हैं, जो चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और रेलकर्मियों के लगभग 25000 निवास हैं जिनका इस लॉकडॉउन अवधि में भी  विधिवत रखरखाव किया जा रहा है और नियमित रूप से पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
वरिष्ठ पर्यवेक्षकों वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर के तहत काम करने वाले तीनों डिवीजनों के इंजीनियरिंग कर्मचारी, जिन्हें आमतौर पर आईओडबल्यू  के नाम से जाना जाता है, इन सेवाओं के लिए न्यूनतम कर्मचारियों के साथ हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
वे पानी की आपूर्ति की पाइप लाइन का रखरखाव, पानी का कीटाणुशोधन, पानी की आपूर्ति  वाले टैंकों की सफाई, सीवरेज प्रणाली का रखरखाव, कारपेंट्री कार्य, वॉश बेसिनों में पैर संचालित नल बनाने आदि के लिए आवश्यक कार्य सुनिश्चित कर रहे हैं। रेल के इंजीनियरिंग स्टाफ द्वारा लॉक डाउन अवधि के दौरान अपने संबंधित पर्यवेक्षकों के सक्षम मार्गदर्शन में इस अवधि कमें फेस मास्क पहनने, अपने उपकरणों को नियमित सैनेटाइज़ करना, नियमित रूप से हाथ धोना और सामाजिक दूरी आदि की गाइड लाइन का पालन करते हुए सभी दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं ।
नियमित बिजली की आपूर्ति बनाए रखने के लिए विद्युत विभाग सबस्टेशनों के अनुरक्षण पर विशेष ध्यान दे रहा है और कोविड -19 के मद्देनजर सभी संभावित टच वाले स्थानों को नियमित रूप से साफ/सैनेटाइज़  किया जा रहा है । पावर फेलियर की किसी भी आकस्मिक स्थिति के मामले में बैकअप आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए डीजी सेटों की नियमित जाँच और आवश्यक रखरखाव भी किया जा रहा है। यहां तक कि कार्यालयो में काम कर रहे और स्टेशनों पर स्थापित सभी वाटर कूलर की सफाई भी की गई है। लिफ्टों और एस्केलेटर के सभी नियंत्रण पैनलों की जांच के अलावा, लिफ्टों और एस्केलेटरों पर टच होने वाले संभावित स्थानों की सफाई / सैनेटाइजेशन भी किया जा रहा है।
टेलीफोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी को बनाए रखने के लिए उत्तर मध्य रेलवे में कुल 42 टेलीफोन एक्सचेंज और 78 नग रेलनेट लोकेशन / रेलनेट सर्किट हैं। उत्तर मध्य रेलवे के 1103 रूट किलोमीटर से अधिक पर सुचारु संचार व्यवस्था के लिए  मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार प्रणाली स्थापित है । इस एमटीआरसी प्रणाली के लिए, 128 बीटीएस, 2बीएससी और 2 एमएससी काम कर रहे हैं। 325 ओएफसी हट भी हैं। जब उत्तर मध्य रेलवे के कार्यालयों के दो तिहाई कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं और सभी बैठकें और अनिवार्य प्रशिक्षण ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे हैं ऐसी स्थिति में उत्तर मध्य रेलवे के सभी 1073 टेलीकॉम कर्मचारियों द्वारा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। वे सुचारु इंटरनेट नेटवर्क और टेलीफोन कनेक्टिविटी सुनिश्चित कर रहे हैं। वे सभी एक्सचेंजों, ओएफसी हट और एमटीआरसी प्रतिष्ठानों का समुचित अनुरक्षण और रखरखाव सुनिश्चित कर पूरे ज़ोन में संचार व्यव्स्था को सुचारु बनाए हुए हैं और इसके माध्यम से सुरक्षित रेल संचालन और उचित योजना बनाने मे योगदान कर रहे हैं।

इन सभी गतिविधियों में एक अति  महत्वपूर्ण कार्य जो , उत्तर मध्य रेलवे के टेलीकॉम विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है वो है संपूर्ण भारतीय रेल नेटवर्क पर स्थापित कुल 520 वीसैट की निगरानी करना। ज्ञात हो कि यह वीसैट नेटवर्क भारतीय रेल में माल परिवहन सूचना प्रणाली अर्थात एफओआईएस या फ्रेट ऑपरेशंस इंफॉर्मेशन सिस्टम, आपदा प्रबंधन, यूटीएस / पीआरएस के लिए प्रयोग में आता है। नई दिल्ली में वीस्थापित सैट हब के माध्यम से सभी 520 स्थानों की निगरानी उत्तर मध्य रेलवे द्वारा की जाती है। इस प्रकार इस संकट की घड़ी में संपूर्ण  भारतीय रेल पर सुगम माल परिवहन सुनिश्चित करने और महामारी कोविड 19 से लड़ने के लिए राष्ट्र को शक्ति प्रदान करने में इन रेल कर्मियों का योगदान अतुलनीय है।

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