जब भी हमारे दांतों में दर्द होता है, तो खाने-पिने की काफी परेशानी हो जाती है। दांतों की बीमारियां काफी तकलीफदेह होती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना चाहिए और खट्टे व अम्लीय तरल पदार्थो का सेवन सीमित मात्र में करना चाहिए। साथ ही हर 6 महीने पर किसी अच्छे डाक्टर से दांतों की सफाई करवानी चाहिए। साऊथएक्स डैंटल क्लीनिक (नई दिल्ली) के दंत चिकित्सक और सीनियर इम्प्लांटोलॉजिस्ट उन्नति गुप्ता ने दांतों को साफ और बीमारियों से सुरक्षित रखने के संबंध में ये सुझाव दिए हैं।
फ्लॉस या इंटरडैंटल ब्रश का इस्तेमाल करें। हलके हाथों से दिन में एक बार दांतों के ऊपर और नीचे के हिस्से की सफाई करें। रात में फ्लॉस का इस्तेमाल करना ज्यादा उपयुक्त होता है।
फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें, यह दांतों पर इनेमल की परत बरकरार रख कैविटी को हटाता है।
शीतल पेय, पैक फलों के जूस, अधिक चीनी युक्त भोजन और अम्लीय जूस का सीमित मात्र में ही सेवन करें। कैंडी और चॉकलेट ज्यादा मात्र में नहीं खाएं। दांत चिकित्सक की सलाह से हर छह महीने या साल में एक बार दांतों की सफाई (स्केलिंग) जरूर कराएं। इससे मसूड़े स्वस्थ और मजबूत रहेंगे। दांतों में अगर कैविटी बन रहा है तो तुरंत पता चल जाएगा और अन्य प्रकार की बीमारियों से भी दांत सुरक्षित रहेंगे।
दांतों का प्रत्यारोपण कराने वालों को नियमित रूप से हर साल सफाई कराने के लिए दंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए। कृत्रिम दांतों (डेंचजर्) को साफ करने के लिए टूथपेस्ट का इस्तेमाल नहीं करें। नल के बहते पानी के नीचे सौम्य साबुन से इसे साफ करें। नियमित रूप से डेंचर्स की सफाई करें।