Wednesday, December 17, 2025
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ग़ाफ़िल अगर रहोगे तो पछताओगें बहुत,कल ढूंढते फिरोगे कि उर्दू कहां गई

मुक़ामी मुशायरा में शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम सुनाकर वाहवाही लूटी

इटावा। इटावा महोत्सव के विशाल पंडाल में रविवार रात्रि को आयोजित मुक़ामी मुशायरा में शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम सुनाकर वाहवाही लूटी।मुशायरे का आगाज़ मुख्य अतिथि फुरकान अहमद पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका परिषद ने शमा रौशन कर किया।मुशायरा कन्वीनर एडवोकेट इम्तियाज़ अहमद अंसारी ने मुख्य अथिति की गुलपोशी कर,बैज लगाकर व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।इस मौके पर सदर मुशायरा सलीम इटावी का सम्मान मास्टर असलम अंसारी ने किया।मुख्य अतिथि श्री अहमद ने इस मौके पर कहा कि मुशायरे और कवि सम्मेलन समाज की सही तस्वीर पेश करते हैं।उन्होंने उर्दू की तरक़्क़ी के लिए इस तरह के मुशायरे साल में तीन-चार बार कराने की सलाह दी।मोबाइल के इस दौर में श्रोताओं की तादाद पर खुश होते हुए उन्होंने मुशायरा कंवीनर की तारीफ की और मुबारकबाद दी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ शायर सलीम वारसी ने कहा इतने बड़े जहान में अपना कोई तो हो,समझे हमारे दर्द को ऐसा कोई तो हो।उस्ताद शायर साबिर इटावी ने कहा ग़ाफ़िल अगर रहोगे तो पछताओगे बहुत,कल ढूंढते फिरोगे कि उर्दू कहां गई।कवि व शायर अशोक यादव ने कहा तू जुबां से कभी निगाहों से जता देता है तेरा अंदाज तेरे दिल का पता देता है।शायर रियाज़ इटावी ने कहा-छू रहीं आजकल आसमां बेटियां,लिख रहीं हैं नई दास्तां बेटियां।संचालन करते हुए शायर यासीन अंसारी ने कहा हार जाओ तो पूछता है कौन,जीत पर सब बधाई देते हैं।संयुक्त रूप से संचालन करते हुए शायर रौनक इटावी ने कहा माना ये दिल से हमने कि फनकारी आप हैं,हम जानते हैं कितने कलाकारी आप हैं।

नदीम अहमद नदीम ने कहा फिर उसकी जद में अपने चिराग़ों को रख दिया,देखे खिलाफ कितनी हवा हमसे हुई है।आरिफ़ सिद्दीकी नूर ने कहा अपना पैगाम है सभी के लिए,वक्त रूकता नहीं किसी के लिए।शायर सुहेल अहमद इटावी ने कहा अज्म फौलाद है सरहद भी गवाही देगी,किस की हिम्मत है जो भारत को मिटाने आए।आमिर अंसारी ने कहा अपने ज़ज़्बात को दिल में ही दवा लेते हैं,हम तो दुश्मन को भी गले लगा लेते हैं।अगर मेरे भारत पर डालोगे नापाक नजर,हिन्द के बच्चे भी तलवार उठा लेते हैं।तालिब लईकी ने पढ़ा,मैं छोटा हूँ दिल में बड़े अरमान रखता हूँ।रईस भारती ने पढ़ा,पहन के माँ के कपडे कहां चलो हो मियां,ये तपता सूरज है ठंडा हिलाल थोड़े ही है।

इसके अलावा सैयद हाशिम नईमी,आलोक भदौरिया अर्श,जमाल इटावी,नवाब अहमद अजहर,आमिर हुसैन आमिर, इमरान इटावी,तालिब इटावी,आमिर अफजल ज़ुल्फ़िक़ार खार सिराज शरर शाहरुख अंसारी आदि शायरों ने अपनी-अपनी शायरी से मुशायरा को सफल बनाया।मुशायरे का शानदार संचालन मशहूर शायर यासीन अंसारी व रौनक इटावी ने संयुक्त रूप से किया।इस मौके पर मास्टर असलम अंसारी,प्रवक्ता कुश चतुर्वेदी,कवि रौहित चौधरी,फिरोज अंसारी,सत्येंद्र सिंह वर्मा,सलिल वर्मा,ओमकार नाथ वर्मा,रिज़वान अहमद,सलीम अंसारी,सुल्तान,इसरार मास्टर,एहसान मास्टर,डुल्ले राजपूत,राजू इकदिल,आलोक दीक्षित,सलीम अंसारी, कामिल कुरैशी,शरद बाजपेई सभासद,दिलशाद अंसारी सभासद,ज़ैनुल अंसारी,फैज़ान वारसी आदि नगर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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