Wednesday, December 17, 2025
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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समित आवाहन पर व्यापक विरोध प्रदर्शन

आजमगढ़ l निजीकरण और लेसा में रिस्ट्रक्चरिंग के नाम पर हजारों पदों को समाप्त करने के विरोध में शक्ति भवन पर हुआ जोरदार प्रदर्शन: सारे प्रदेश में सभी जनपदों में व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में एवं लेसा में रिस्ट्रक्चरिंग कर हजारों पदों को समाप्त किए जाने के विरोध में बिजली कर्मियों,जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने आज शक्ति भवन पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। निजीकरण के विरोध में लगातार चल रहे आंदोलन के क्रम में आज आजमगढ़ में बिजली कर्मियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन कर अपना गुस्सा व्यक्त किया।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, आजमगढ़ के पदाधिकारियों ने बताया कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन जान बूझ कर लेसा की रिस्ट्रक्चरिंग के बारे में बिजली कर्मियों को भ्रमित कर रहा है। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन प्रदेश की बिजली व्यवस्था को ताक पर रख कर विगत एक वर्ष से जो भी काम कर रहा है वह केवल निजीकरण के लिए ही है जिससे पूरे ऊर्जा निगमों में कार्य करने का वातावरण बिगाड़ गया है।

संघर्ष समिति ने आज फिर चेतावनी दी है कि यदि नई व्यवस्था के कारण राजधानी लखनऊ में बिजली आपूर्ति ध्वस्त होती है तो उसकी सारी जिम्मेदारी प्रबंधनकी होगी। संघर्ष समिति ने कहा कि लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है। यहां विधानसभा है, राजभवन है ,माननीय उच्च न्यायालय है तथा मेडिकल कॉलेज और कई बड़े अस्पताल हैं जिनमें बिजली व आपूर्ति प्रभावित होना बहुत गम्भीर बात मानी जाती है।

लखनऊ में बिना कर्मचारियों और इंजीनियरों से बात किए ऐसा अटपटा प्रयोग करना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि केवल निजीकरण के लिए इतने बड़े पैमाने पर सभी स्तर पर सभी संवर्गों के पदों को समाप्त कर प्रबंधन लखनऊ की बिजली व्यवस्था से खिलवाड़ क्यों करना चाहता है?

संघर्ष समिति ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन को चुनौती दी कि अगर प्रबंधन में नैतिकता है तो वह विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों से वार्ता में सामने बैठकर यह प्रमाणित कर दे कि लेसा में हजारों की संख्या में पदों को समाप्त नहीं किया जा रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि सच्चाई है कि निजीकरण के लिए पदों को समाप्त किया जा रहा है अतः प्रबंधन की संघर्ष समिति से वार्ता करने की हिम्मत नहीं पड़ रही है।

संघर्ष समिति के आह्वान पर आज आजमगढ़ में प्रदर्शन किया गया।

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