नगर आयुक्त के आदेश पर जांच में खुली घटिया निर्माण की पोल
आगरा। हरी पर्वत जोन में सिकंदरा चौराहा से रेलवे लाइन तक हो रहे इंटरलॉकिंग कार्य में ठेकेदार द्वारा मानकों की अनदेखी सामने आई है। जांच में कार्य की गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई, जिसके चलते कार्यदायी संस्था पर एक लाख रुपये जुर्माने की संस्तुति की गई है।
आगरा नगर निगम की ओर से हरीपर्वत जोन के सिकंदरा चौराहा से गेटवेल हॉस्पिटल होते हुए रेलवे लाइन तक सड़क की पटरी पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने का कार्य कराया जा रहा है। लेकिन इस निर्माण कार्य में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। स्थानीय नागरिकों की शिकायत पर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने जांच के आदेश दिए, जिसके बाद क्षेत्रीय अवर अभियंता हरी ओम द्वारा की गई जांच में कार्य में भारी अनियमितताएं पाई गईं।
जांच में यह साफ हुआ कि टाइल्स बिछाने से पहले डाली जाने वाली जीएसबी ग्रेन्युलर सब-बेस की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है। अवर अभियंता की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया और कार्य पूरी तरह से तकनीकी मानकों की अनदेखी करते हुए किया गया है।
इसके आधार पर अवर अभियंता ने कार्यदायी संस्था आरके एंटरप्राइजेज पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की संस्तुति नगर आयुक्त से की है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नागरिकों की शिकायतें सही थीं और कार्य की गुणवत्ता अस्वीकार्य है।
इस मामले में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने स्पष्ट किया कि निगम के निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या गुणवत्ता में समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, शिकायत मिलते ही तुरंत जांच कराई गई और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की गई। आगे भी निगम निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निगरानी करेगा और दोषियों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे।