अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले महाभियोग के आरोपों में फंसे डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी सीनेट ने राहत दे दी है। अमेरिका की सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को महाभियोग ट्रायल में सभी आरोपों में क्लीन चिट दे दी है। इसके साथ ही उन्हें कांग्रेस को बाधित करने के आरोप में भी बरी कर दिया गया है। सीनेट में आज ट्रंप महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान हुआ, जिसके बाद सीनेट ने यह फैसला लिया।
बुधवार को हुए (स्थानीय समयानुसार) हुए ट्रायल में पहले 52-48 वोट के अंतर से ट्रंप को शक्ति का दुरुपयोग करने के मामले में दोषी नहीं पाया गया। इसके बाद महाभियोग के दूसरे आरोप, कांग्रेस के काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में ट्रंप 53-47 वोट के अंतर से बरी हुए। इससे पहले रिपब्लिकन सीनेटर मिट रूनी ने कहा था कि वह दोनों आरोपों में ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए वोट करेंगे।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) February 5, 2020
बता दें कि ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के पास चैंबर में 53-47 के अंतर से बहुमत है और आरोप साबित होने के लिए दो तिहाई बहुमत जरूरी था। ऐसे में अगर सभी डेमोक्रेट ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए वोट करते तो भी ट्रंप को दोषी ठहराने और पद छोड़ने के लिए 20 और वोट की जरूरत होती।
Had failed presidential candidate @MittRomney devoted the same energy and anger to defeating a faltering Barack Obama as he sanctimoniously does to me, he could have won the election. Read the Transcripts!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) February 6, 2020
इससे पहले ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले महाभियोग के बीच ‘स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस’ के तहत संसद के दोनों सदनों के साझा सत्र को संबोधित किया था। यह ट्रंप का तीसरा स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन था। ट्रंप के संबोधन शुरू करने से पहले संसद के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने अभिवादन के तौर पर उनसे हाथ मिलाने के लिए बढ़ाया। लेकिन ट्रंप ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद जैसे ही ट्रंप ने भाषण खत्म किया पेलोसी ने संसद में सबके सामने उनके संबोधन की कॉपी फाड़ दी।
Nancy Pelosi 'pre-ripped' pages of Trump's SOTU speech, video shows https://t.co/e4bItGSTPt pic.twitter.com/Ef8YeIVGCx
— New York Post (@nypost) February 5, 2020
अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने सरकार के एक वॉचडॉग से शिकायत की थी कि ट्रंप ने एक विदेशी नेता से बातचीत की है। बाद में पता चला कि ये विदेशी नेता यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की हैं।
इंटेलिजेंस इंस्पेक्टर जनरल ने व्हिस्ल ब्लोअर की शिकायत को तत्काल ध्यान में लेने योग्य और विश्वसनीय माना था, उस शिकायत की कॉपी की डेमोक्रेट्स ने संसद में मांग की थी, लेकिन व्हाइट हाउस और न्याय विभाग ने इसकी प्रति मुहैया कराने से इनकार कर दिया।
दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई थी, ये साफ नहीं है लेकिन डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर जो बिडेन और उनके बेटे के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का दबाव बनाया और ऐसा न करने पर यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की धमकी दी।
हालांकि ट्रंप ने माना था कि उन्होंने जेलेंस्की से बिडेन के बारे में चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने सैन्य मदद रोकने की धमकी इसलिए दी ताकि यूरोप भी मदद के लिए आगे आए।