हजपुरा, अम्बेडकरनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर में अव्यवस्थाओं की भरमार है। लोगों का इलाज करने वाला अस्पताल खुद ही बीमार है। मरीजों को गिनती की दवाइयां तो मिल जाती है। लेकिन उनको खाने के लिए पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पाता है। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रतिदिन सैकड़ो मरीज इलाज के लिए आते हैं। लेकिन यहां पर बिजली पानी समेत अन्य कई जरूरी सुविधाओं के अभाव में मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में हर तरफ गंदगी है। जंगली झाड़ियों के बीच सांप बिच्छुओं ने अपना बसेरा बना लिया है। यहां दिन में ही सांप दिखते हैं। इससे मरीजों के साथ-साथ स्टाफ को भी हादसे की आशंका सताती रहती है। अस्पताल के अगल-बगल उगी जंगली झाड़ियों में मच्छर पनपने से यहां दिन में ही बैठना मुश्किल हो जाता है।
वहीं बिजली की आंख मिचौली से परेशानी और बढ़ जाती है। अस्पताल में लगे पंखे की गति इतनी धीमी है कि लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल पाती है। इंडिया मार्का हैंडपंप से पानी तो आता है। लेकिन इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति को देखकर पिछली बार इसकी रंगाई पुताई व साफ-सफाई कब हुई थी। इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। अस्पताल में प्रतिदिन डेढ़ सौ के ऊपर मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिसमें से ज्यादातर जुखाम, बुखार व खुजली के मरीज होते हैं।
नाम न छापने के शर्त पर वहीं के एक जिम्मेदार व्यक्ति ने बताया कि अस्पताल के मेंटेनेंस के नाम पर प्रति छमाही 75 हजार रुपए आता है। लेकिन यह सिर्फ कागजों में खर्च कर दिया जाता है। धरातल पर स्थित पूरी तरह अलग है। बताया कि सरकारी कार्यालयों में बाबू भी ए सी में बैठ रहे हैं। और हम लोगों को ठीक से पंखे की हवा भी नसीब नहीं हो रही है।
ग्रामीणों ने मुख्य चिकित्साधिकारी से अभिलंब उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर व्याप्त अव्यवस्थाओं को दूर कराए जाने की मांग की है।