बुद्ध की जन्मस्थली और सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के क्षेत्र को शामिल किए जाने की मांग
नगर विकास मंत्री, प्रमुख सचिव, विधायक और जिलाधिकारी को भेजा मांगपत्र
सिद्धार्थनगर। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से जुड़ी भगवान बुद्ध की जन्मस्थली कपिलवस्तु को नगर पंचायत क्षेत्र में शामिल किए जाने की मांग तेज हो गई है। सामाजिक संस्था टीम यशोभूमि ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत नगर विकास मंत्री, प्रमुख सचिव नगर विकास, सदर विधायक और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि नगर पंचायत कपिलवस्तु की सीमा का विस्तार करते हुए भगवान बुद्ध की जन्मस्थली कपिलवस्तु, राजमहल गनवरिया तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के क्षेत्र को इसमें जोड़ा जाए।
संस्था टीम यशोभूमि के अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने पत्र में लिखा है कि वर्तमान समय में नगर पंचायत कपिलवस्तु का सीमाक्षेत्र अत्यंत छोटा है, जबकि इसके चारों ओर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल मौजूद हैं। कपिलवस्तु का ऐतिहासिक महत्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है, जहां प्रतिवर्ष देश-विदेश से बड़ी संख्या में बौद्ध पर्यटक आते हैं। ऐसे में नगर पंचायत की सीमा का विस्तार न केवल स्थानीय जनता के लिए विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा बल्कि पर्यटकों को भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा सकेगा।
पत्र में कहा गया है कि सीमा विस्तार से क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और शिक्षा की संभावनाएं और प्रबल होंगी। अभी तक नगर पंचायत की सीमाओं से बाहर होने के कारण इन महत्वपूर्ण स्थलों पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। वहीं स्थानीय निकायों के जिम्मेदार अधिकारी कई बार अतिरिक्त निर्देश मिलने के बाद भी अपेक्षित स्तर की सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाते। संस्था ने यह भी उल्लेख किया है कि हाल ही में कपिलवस्तु क्षेत्र में लाइट एंड साउंड शो स्वीकृत हुआ है, जिसकी जिम्मेदारी भी नगर पंचायत के बाहर की संस्थाओं को सौंपी गई है।
यदि इन क्षेत्रों को नगर पंचायत की सीमा में शामिल किया जाएगा तो इनका रख-रखाव व प्रबंधन और बेहतर हो सकेगा। अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि नगर पंचायत कपिलवस्तु का सीमा विस्तार कर बुद्ध की जन्मस्थली कपिलवस्तु, राजमहल गनवरिया तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय को नगर पंचायत क्षेत्र में सम्मिलित किया जाए, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।