Saturday, August 9, 2025
spot_img
HomeMarqueeएमडीए 10 से, 12.60 लाख लोगों को खिलाएंगे फाइलेरिया रोधी दवा

एमडीए 10 से, 12.60 लाख लोगों को खिलाएंगे फाइलेरिया रोधी दवा

सुल्तानपुर ज़िले में 10 अगस्त से एक व्यापक सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान शुरू किया जाएगा, जिसका महत्वाकांक्षी लक्ष्य दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली व दुर्बल करने वाली बीमारी फाइलेरिया को जड़ से ख़त्म करना है। यह अभियान ज़िले भर के अनुमानित 12.60 लाख लोगों को लक्षित करेगा, जिसका उद्देश्य उन्हें इस स्वास्थ्य खतरे से बचाना और अंततः उसे समाप्त करने के लिए आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध कराना है। यह व्यापक पहल 10 अगस्त से 28 अगस्त तक चलेगी, जिसमें पूरे क्षेत्र में केंद्रित हस्तक्षेप की अवधि शामिल होगी।

एमडीए अभियान जिले के सात ब्लॉकों बल्दीराय, कादीपुर, करौंदीकला, मोतिगपुर, कूड़ेभार, भदैंया और धनपतगंज में लांच किया जाएगा। यह व्यापक भौगोलिक पहुँच सुनिश्चित करती है कि ज़िले की आबादी के एक बड़े हिस्से तक निवारक दवा की पहुँच हो। घर-घर जाकर दवा पहुँचाने से व्यापक कवरेज सुनिश्चित होगा। एमडीए अभियान के माध्यम से प्रदान की जाने वाली दवाएँ इन ब्लॉकों के सभी निवासियों के लिए उपलब्ध होंगी, सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए कुछ विशेष अपवादों के साथ। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वर्तमान में गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को स्थापित चिकित्सा दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए दवा प्राप्त करने से छूट दी जाएगी।

एमडीए अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समर्थन जुटाने के उद्देश्य से शुक्रवार को आयोजित मीडिया जागरूकता कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भरत भूषण ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आशा कार्यकर्ताओं को निवासियों को उनके घरों में सीधे दवा देने के लिए तैनात किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दवाएँ उनकी प्रत्यक्ष देखरेख में ली जाएँ। इस सावधानीपूर्वक दृष्टिकोण का उद्देश्य अनुपालन को अधिकतम करना और खुराक छूटने के जोखिम को कम करना है, जिससे अभियान की प्रभावशीलता बढ़ेगी। इसके अलावा, मुख्य चिकित्साधिकारी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि जो व्यक्ति शुरू में दवा लेने से इनकार करते हैं, उनसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता दोबारा मिलेंगे, जिससे अभियान के उद्देश्यों को प्राप्त करने में व्यापक भागीदारी के महत्व पर ज़ोर दिया जा सके।

एमडीए के तहत दो सुरक्षित और प्रभावी दवाएँ दी जाती हैं: एल्बेंडाज़ोल और डीईसी। ये दवाएँ मानव शरीर में फाइलेरिया परजीवियों से लड़ने के लिए सहक्रियात्मक रूप से कार्य करती हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ व्यक्तियों को दवा के सेवन के बाद खुजली, त्वचा पर चकत्ते या उल्टी जैसी हल्की प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। हालाँकि, सीएमओ डॉ. भरत भूषण ने स्पष्ट किया कि ये प्रतिक्रियाएँ अक्सर एक सकारात्मक संकेत होती हैं, जो व्यक्ति के शरीर में माइक्रोफाइलेरिया की उपस्थिति का संकेत देती हैं। संक्रमण को रोकने और परिवारों व व्यापक समुदाय को फाइलेरिया के दीर्घकालिक परिणामों से बचाने के लिए तीन वर्षों की अवधि में लगातार और बार-बार उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज में सामुदायिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. आनंद ने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले के प्रयासों में कॉलेज की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कॉलेज ने फाइलेरिया से संबंधित हाइड्रोसील ऑपरेशनों में सहायता के लिए सर्जनों की अपनी टीम उपलब्ध कराई है। सामुदायिक चिकित्सा विभाग समुदाय को इस बीमारी और एमडीए अभियान में भागीदारी के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए सक्रिय रूप से जन जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करता है।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर, कुड़वार इसरौली अर्थात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी-रोगी-हितधारक मंच (पीएसपी) के प्रतिनिधि शेषराम वर्मा और किरन मौर्य ने पिछले एमडीए दौरों के दौरान फाइलेरिया-रोधी दवा न लेने के कारण फाइलेरिया रोग से संक्रमित होने के अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। अब वे अपने समुदाय के अन्य लोगों को अपनी गलती न दोहराने की सक्रिय रूप से सलाह देते हैं और अनुशंसित उपचार पद्धति का पालन करने के महत्व पर ज़ोर देते है,कार्यशाला को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ लाल जी और फाइलेरिया कंट्रोल यूनिट प्रभारी डॉ प्रियंका त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular