जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यसभा के सभापति पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था लेकिन उन्होंने मानसून सत्र के पहले दिन ही इस्तीफा देने का फैसला किया।
Jagdeep Dhankhad Resign: सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ। सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा देखने को मिला। इस बीच सोमवार शाम जगदीप धनखड़ ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
जैसे ही ये खबर सामने आई सभी ने हैरानी जताई। जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने की बात कही। बता दें कि राज्यसभा के सभापति पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। पिछले कुछ दिनों में उनका स्वास्थ्य कई बार खराब हुआ, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
कब-कब बीमार हुए जगदीप धनखड़
सबसे खास बात है कि पिछले काफी समय से अस्वस्थ चलते हुए भी जगदीप धनखड़ राज्यसभा में जीवंत और ऊर्जावान दिखाई दिए, जहां उन्होंने सभापति के रूप में अध्यक्षता की थी।
इससे पहले मार्च में कुछ दिनों के लिए जगदीप धनखड़ को एम्स में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद चिकित्सकों की ओर से उन्हें कुछ समय के लिए राष्ट्रीय राजधानी से बाहर अपनी यात्राओं को कम करने की सलाह दी गई थी।
इसके कुछ समय बाद जून में ही उत्तराखंड के नैनीताल की यात्रा के दौरान जगदीप धनखड़ कुमाऊं विश्वविद्यालय में बेहोश हो गए थे। इस बीच अधिकारियों ने बताया था कि दिन असामान्य रूप से गर्म था और जिस हॉल में वह एक सभा को संबोधित कर रहे थे, वह घुटन भरा था। इस स्थिति में वहां पर मौजूद अन्य अधिकारियों और चिकित्सकों ने धनखड़ को संभाला।
जुलाई में भी बीमार हुए थे धनखड़
वहीं, इसी महीने की शुरुआत के दौरान केरल की यात्रा के दौरान भी पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बीमार पड़े। केरल की यात्रा की दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति को उनकी पत्नी सुदेश और एक सहयोगी ने गोद में उठाकर चलते हुए देखा था।
वहीं, गत 17 जुलाई को भी दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा विकसित वाटिका में जाने पर धनखड़ की तबीयत खराब हो गई।
स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए धनखड़ ने दिया त्यागपत्र
गौरतलब हैकि सोमवार को शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखे पत्र में जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं।
अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।
राष्ट्रपति ने किया धनखड़ का इस्तीफा मंजूर
बता दें मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रपति मुर्मु ने स्वीकार कर लिया। संसद के उच्च सदन में अध्यक्ष पद पर आसीन भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी ने इस बात की घोषणा की।
संसद के उच्च सदन में अध्यक्ष पद पर आसीन भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना के माध्यम से संविधान की धारा 67ए के तहत उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की सूचना तत्काल प्रभाव से दे दी है।
2027 तक था धनखड़ का कार्यकाल
उल्लेखनीय है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कार्यकाल साल 2027 तक था। जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण किया था। मानसून सत्र के पहले दिन ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। (इनपुट पीटीआई के साथ)