डीएम के निरीक्षण के बाद भी नहीं सुधरे हालात,घटिया सामग्री से नियम कार्य है जारी।
सुल्तानपुर,बल्दीराय। तहसील के हलियापुर क्षेत्र में मुख्यमंत्री योजना के तहत लगभग 24 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे विद्यालय भवन में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल का मामला सामने आया है। ईंट और बालू जैसी मूलभूत सामग्रियों की गुणवत्ता पर उठते सवालों ने न सिर्फ निर्माण एजेंसी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है, बल्कि प्रशासनिक निगरानी की प्रभावशीलता पर भी संदेह पैदा कर दिया है।स्थानीय सूत्रों की मानें तो निर्माण स्थल पर पीली व कमजोर ईंटों का प्रयोग हो रहा है,जो पहली ही चोट में टूट जाती हैं।
इतना ही नहीं, ईंटों की असली हालत छुपाने के लिए मजदूरों को पानी से ईंटें भिगोने का निर्देश दिया जाता है, जिससे उनका रंग बदल जाए और वे अच्छी प्रतीत हों। इसी तरह निकृष्ट गुणवत्ता की बालू का उपयोग भी खुलेआम किया जा रहा है, जिससे भवन की मजबूती और टिकाऊपन भविष्य में खतरे में पड़ सकता है।इस पूरे मामले की शिकायतें जब उच्च अधिकारियों तक पहुंचीं,तो जिलाधिकारी कुमार हर्ष और मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक ने कुछ दिन पूर्व निर्माण स्थल का औचक निरीक्षण किया था।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने साफ निर्देश दिया था कि निर्माण कार्य गुणवत्ता मानकों के अनुरूप किया जाए और किसी भी हाल में लापरवाही या घटिया सामग्री का प्रयोग न हो।लेकिन निरीक्षण के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। ठेकेदार व निर्माण एजेंसी के रवैए में कोई सुधार नहीं दिख रहा है और घटिया सामग्री का प्रयोग जारी है। इस लापरवाही ने न सिर्फ शासन की मंशा को ठेस पहुंचाई है, बल्कि करोड़ों की योजना को भी संदेह के घेरे में ला दिया है।