लखनऊ। पश्चिमी उ.प्र. तथा आसपास के क्षेत्रों में एक नया इतिहास रचते हुए नयति मेडिसिटी के चिकित्सकों ने आंत के टुकड़े से नया यूरिन ब्लैडर (पेशाब की थैली) तैयार कर 65 वर्षीय मरीज के लगाया जो अब बिल्कुल ठीक है। ज्ञात हो कि कासगंज निवासी 65 वर्षीय चरन सिंह पेशाब के रास्ते खून आने की बीमारी (यूरिन ब्लैडर के कैंसर) से पीड़ित थे तथा कई जगह अपना इलाज कराने के बाद कोई लाभ ना होने पर नयति मेडिसिटी, मथुरा आये थे जिसके बाद नयति मेडिसिटी के यूरोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ.पी0बी0सिंह, डॉ हर्ष गुप्ता तथा उनकी टीम ने उनका सफल ऑपरेशन कर पुराना यूरिन ब्लैडर निकाल दिया और उसकी जगह छोटी आंत के माध्यम से नया यूरिन ब्लैडर बनाकर लगा दिया। इस अवसर पर नयति मेडिसिटी की चेयर पर्सन नीरा राडिया ने कहा कि देश के योग्य तथा बेहतरीन डॉक्टरों की टीम नयति मेडिसिटी में मौजूद है और मुझे अपने यहां के डॉक्टरों की काबलियत पर पूरा भरोसा है। हमने शुरू से यह कहा है कि नयति मेडिसिटी में हम किसी भी बीमारी से सम्बंधित हर वो सुविधा देने का प्रयास करेंगे जो विश्व के किसी भी कोने में मिल सकती है और हम अपने उस प्रयास मंे से फल भी हो रहे हैं। हमारा हमेशा से यह मानना है कि टिअर 2 तथा टिअर 3 शहरो ंके लोगो ंको भी हर वह सुविधा मिलनी चाहिए जो दिल्ली, एनसीआर अथवा किसी अन्य महानगर के लोगो ंको मिलती है। हमारे यहा ंइलाज के समय किसी भी मरीज के बीच बिना कोइ भेदभाव किये इलाज किया जाता है। कोई भी मरीज नयति मेडिसिटी में वीआईपी नहीं है और सभी वीआईपी हैं। स्वस्थ रहने का समाज के हर व्यक्ति को समान अधिकार है और अपनी इसी सोच के चलते हम सभी को समान इलाज दे पा रहे हैं।
नयति मेडिसिटी के यूरोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ पी0बी0सिंह ने बताया कि चरन सिंह जब हमारे पास आये थे तब वो पेशाब में खून आने की शिकायत बता रहे थे। कई जगह से वे अपना इलाज करा चुके थे पर उन्हें कोई लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसी बीच उनके पेशाब से खून के थक्के निकलने लगे और पेशाब रुकने पर वे इमरजेंसी में हमारे यहाँ आये। तुरन्त सारे खून के थक्के दूरबीन के माध्यम से निकाले गए और देखने पर पता चला कि पेशाब की थैली पूरी तरह कैंसर से ग्रस्त है और बायोप्सी रिपोर्ट से भी कैंसर की पुष्टि हुई और पेशाब की थैली इस अवस्था में थी कि उसे तुरन्त निकालने की आवश्यकता थी। परिवार के लोगों की सहमति के बाद हमने उनके कैंसरग्रस्त ब्लैडर को निकाल कर छोटी आंत के माध्यम से नया यूरिन ब्लैडर लगा दिया है। आमतौर पर पेशाब की थैली निकालने के बाद पेट से रास्ता बनाया जाता है जिसमें मरीज की आजीवन पेट में थैली लटकाए रखना पड़ता है लेकिन हमने पुरानी थैली हटाकर छोटी आंत के माध्यम से नई पेशाब की थैली बनाकर लगा दी है। अब चरन सिंह बिल्कुल स्वस्थ हैं तथा जल्द ही अपने काम पर भी जा सकते हैं और पहले की तरह स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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