व्यापार वार्ता के लिए अमेरिकी अधिकारी आएंगे भारत, Reciprocal Tariff को लेकर बन सकती है बात

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आने वाले हफ्तों में अमेरिकी अधिकारियों का एक दल भारत दौरा करेगा जहाँ अंतरिम व्यापार समझौते पर चर्चा होने की संभावना है। भारत सरकार देश में बनी वस्तुओं पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क से पूर्ण छूट की मांग कर रही है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी वॉशिंगटन में व्यापार वार्ता को गति देने के लिए अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक से मुलाकात की।

अमेरिकी अधिकारियों का एक दल आने हफ्तों में भारत का दौरा करेगा। माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों देशों के बीच प्रस्तावित अंतरिम व्यापार समझौते पर चर्चा होगी।

अमेरिकी अधिकारियों की यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत और अमेरिका नौ जुलाई से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते पर पहुंचना चाहते हैं। भारत सरकार देश में बनी वस्तुओं पर 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क से पूर्ण छूट की मांग कर रही है।

भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल, पिछले सप्ताह वॉशिंगटन में अपने चार दिवसीय दौरे को समाप्त कर भारत वापस आ चुके हैं। उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ प्रस्तावित समझौते पर बातचीत की। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी पिछले सप्ताह वॉशिंगटन में व्यापार वार्ता को गति देने के लिए मौजूद थे।

भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका ने लगाया 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क

उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक से दो बार मुलाकात की। अमेरिका ने दो अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाया था। हालांकि, बाद में नौ जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया था। भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत आधारभूत शुल्क अभी भी लागू है।

वर्तमान में ट्रंप प्रशासन को एमएफएन (सबसे पसंदीदा राष्ट्र) दरों से नीचे शुल्क लाने के लिए अमेरिकी संसद से अनुमोदन की जरूरत होगी। हालांकि, प्रशासन के पास भारत सहित कई देशों पर लगाए गए पारस्परिक शुल्क को हटाने का अधिकार है।

दोनों देशों ने इस वर्ष सितंबर-अक्टूबर तक प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने की समय सीमा तय की है। सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच पहले चरण से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते पर सहमति बनने की संभावना है।

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