UP News: पागल कुत्ते के काटने से किसान की मौत के मामले में ईओ कांधला पर 3.10 लाख रुपये का जुर्माना

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शामली उपभोक्ता आयोग ने कांधला निवासी राजवीरी के पति की पागल कुत्ते के काटने से हुई मौत के मामले में अधिशासी अधिकारी कांधला पर 3.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। महिला ने सेवा में कमी और लापरवाही का आरोप लगाते हुए वाद दायर किया था। आयोग ने सीएमओ सरकार और वरिष्ठ चिकित्सक के खिलाफ वाद को निरस्त कर दिया।

पागल कुत्ते के काटने से कांधला निवासी महिला के पति की मृत्यु हो गई थी। महिला ने सेवा में कमी व लापरवाही पर सीएमओ, सरकार, अधिशासी अधिकारी कांधला व वरिष्ठ चिकित्सक के विरुद्ध वाद दायर किया था।

जिला उपभोक्ता आयोग ने अधिशासी अधिकारी कांधला के विरुद्ध वाद को स्वीकार किया। इसमें ईओ को दोषी मानते हुए 3.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं सीएमओ, राज्य सरकार व वरिष्ठ चिकित्सक के विरुद्ध दायर वाद को निरस्त कर दिया।

यह है पूरा मामला

कस्बा कांधला स्थित जाट कॉलोनी निवासी महिला राजवीरी ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में 22 फरवरी 18 में वाद दायर किया था। इसमें महिला ने आयोग को अवगत कराया कि कांधला में नहर पुल के पास पति प्रमोद कुमार को 27 जनवरी 2016 को पागल कुत्ते ने काट लिया था। उसने सरकारी अस्पताल कांधला में चिकित्सक को दिखाया।

उनके परामर्श पर नियमानुसार इंजेक्शन लगवाए और समुचित इलाज कराया। डॉक्टर की लापरवाही व राज्य सरकार की गलत दवा व इंजेक्शन के कारण पति की हालत बिगड़ने लगी।

उन्हें एमवीआइडी अस्पताल किंग्सवे कैंप दिल्ली में भर्ती कराया गया, जहां 19 फरवरी 2016 को मृत्यु हो गई। वहां के चिकित्सकों ने बताया कि रेबीज के कारण उनकी मौत हुई है।

महिला ने कहा कि शहर में आवारा कुत्ते, बंदर, सांड मानव समाज को क्षति पहुंचाते हैं, जिन्हें पकड़ने व समुचित व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर पालिका की होती है। इसमें घोर लापरवाही है, जिस कारण उसके पति की जान चली गई।

इससे उसे गहरा सदमा पहुंचा है, और तभी से वह बीमार हैं। यदि पति का सही इलाज किया होता तो जान बच सकती थी। पति की आकस्मिक मौत की वजह रेबीज है, जो पागल कुत्ते के काटने से हुई है। कांधला नगर पालिका एवं सरकार के द्वारा रोड, वाटर व सर्विस टैक्स वसूला जाता है, जो वह अदा करती हैं।

महिला ने बताया कि उसने संबंधित को नोटिस दिए, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। उसके पति ड्रीम लाइफ केयर सोल्यूशन मार्केटिंग कंपनी में काम करते थे, और गांव में खेती थी। इससे उन्हें तीन लाख सालाना की आय होती थी। पति की आकस्मिक मौत से क्षति हुई है।

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष हेमंत कुमार गुप्ता ने 22 मई 2025 को वाद की सुनवाई की, जबकि 23 मई को अपना निर्णय सुनाया। इसके तहत विपक्षी सीएमओ, वरिष्ठ डॉक्टर कांधला व राज्य सरकार के विरुद्ध दायर वाद को निरस्त कर दिया गया। नगर पालिका कांधला के ईओ के विरुद्ध वाद स्वीकार किया गया।

आयोग ने स्पष्ट किया कि महिला को मानसिक, आर्थिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए दो लाख रुपये, वाद व्यय 10 हजार रुपये तथा सेवा में कमी, घोर लापरवाही एवं उपेक्षा के लिए एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया जाता था।

अर्थदंड की धनराशि राजकीय राजकोष में जमा की जाएगी। वहीं चेतावनी दी कि यदि निर्धारित 45 दिवस के भीतर धनराशि जमा नहीं की गई तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-71 व 72 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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