केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को भाषायी विविधता को स्कूली बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाने को लेकर एक और बड़ी पहल की है। इस गर्मियों की छुट्टियों में देशभर के सभी सरकारी विद्यालयों एवं निजी स्कूलों में भारतीय भाषा समर कैंप होगा जिसमें स्टूडेंट्स को मातृभाषा के साथ ही एक या दो अन्य भारतीय भाषाओं को सिखाया जायेगा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के त्रिभाषा फार्मूले पर तमिलनाडु की ओर से खड़े किए जा रहे सवालों के बीच केंद्र सरकार ने देश की भाषायी विविधता को स्कूली बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाने को लेकर एक और बड़ी पहल की है। जिसमें इस बार गर्मी की छुट्टियों में देश भर के सरकारी व निजी दोनों ही स्कूलों में एक भारतीय भाषा समर कैंप आयोजित किया जाएगा।
मातृभाषा के अलावा एक या उससे अधिक भाषाएं सिखाई जाएंगी
इस कैंप दौरान बच्चों को अपनी मातृभाषा के साथ एक या उससे अधिक भारतीय भाषा सिखाया जाएगा। यह सीख उन्हें रोचक अंदाज में खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए दी जाएगी। यह समर कैंप एक सप्ताह का होगा, जिसमें बच्चों को भारतीय भाषा से जोड़ने के लिए हर दिन चार घंटे की गतिविधियां संचालित होगी। ऐसे में कुल 28 घंटे का प्रशिक्षण होगा। कैंप के अंतिम दिन बच्चों को एक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया शुभारंभ
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को इस अनूठी पहल का शुभारंभ किया और बगैर किसी का नाम लेते हुए कहा कि कुछ लोग भले ही भाषा को अपने स्वार्थ का माध्यम मानते है लेकिन मेरे लिए देश के सभी भाषा का एक समान महत्व है। हम चाहते है कि लोग एक से ज्यादा भारतीय भाषाओं को सीखें। उन्होंने समर कैंप की इस पहल को बिहार की बेटी जिया कुमारी को समर्पित किया और कहा कि बिहार की रहने वाली इस बेटी में तमिल भाषा में बारहवीं की परीक्षा पास की है। इसने तमिल भाषा में 100 अंकों में 93 प्रतिशत अंक हासिल किए है। यह अपने श्रमिक पिता के साथ तमिलनाडु में ही पढ़ाई कर रही थी। प्रधान ने कहा कि बहुभाषी होना इसलिए जरूरी है क्योंकि नौकरी के सिलसिले में सभी को एक राज्य से दूसरे राज्य जाना होता है।
केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने वाले हरियाणा के एक शिक्षक को कुछ समय जहां तमिलनाडु में काम करना होता है, तो कुछ समय कर्नाटक या फिर दूसरे राज्य में। ऐसे में उसके लिए बहुभाषी होना कितना फायदेमंद है। इस मौके पर कार्यक्रम को स्कूली शिक्षा सचिव संजय कुमार, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चामू कृष्ण शास्त्री और एनसीईआरटी के निदेशक प्रोफेसर डीपी सकलानी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। गौरतलब है कि भारतीय भाषा समर कैंप का आयोजन देश के के सभी 14.5 लाख स्कूलों में आयोजित होगा। जिसका लाभ इनमें पढ़ने वाले 98 लाख शिक्षक और 25 करोड़ से अधिक बच्चे ले सकेंगे।
स्कूलों में इसी सत्र से पढ़ाया जाए एआई और मशीन लर्निंग
प्रधान ने इस मौके पर केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय संगठन के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे इसी शैक्षणिक सत्र से अपने स्कूलों में बच्चों को एआई ( आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस ) और एमएल ( मशीन लर्निंग ) की पढ़ाई शुरू कराए। साथ ही एनटीईआरटी ने पाठ्यक्रम को भारतीय भाषाओं में तैयार करने को कहा है।
बच्चे अपनी भाषा में पढ़ेंगे श्रीराम मंदिर से लेकर नए संसद भवन की भी कहानी
स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अब पाठ्यक्रम के साथ ही अयोध्या के श्रीराम मंदिर सहित बनारस के काशी-विश्वनाथ कारीडोर, नए संसद भवन और बाबा साहेब के स्मारक से जुड़ी रोचक जानकारियों से भी परिचित हो सकेंगे। इन्हें यह जानकारी अब उन्हीं की भाषा में पढ़ने और देखने को मिलेगा। प्रधान ने एनसीईआटरी की ओऱ से तैयार की गई भारत-लोकतंत्र की जननी, भारत पांचवीं आर्थिक शक्ति, स्वच्छता, कोविड प्रबंधन और एशियन खेलों व विरासत और विकास पर आधारित 26 भाषाओं में भाषाई प्रवेशिकाएं और माड्यूल जारी किए है।