उत्तर प्रदेश सरकार बाढ़ से निपटने की तैयारी कर रही है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा जहाँ भोजन नाश्ता और पानी की व्यवस्था होगी। बाढ़ पीड़ितों को राहत किट मिलेगी जिसमें आवश्यक सामग्री होगी। जिलों में राशन का भंडारण किया जाएगा और पशुओं का टीकाकरण होगा। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
प्रदेश सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर समय रहते सभी जरूरी इंतजाम पूरे किए जाएंगे। बाढ़ प्रभावित लोगों को हर सप्ताह राहत किट मिलेगी। नाव से लेकर नाश्ता और निवास की व्यवस्था रहेगी। जिलों में अतिरिक्त राशन सामग्री का भंडारण पहले से किया जाएगा।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को इस संदर्भ में निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जिन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा अधिक है, वहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए शरणालय बनाए जाएंगे। इनमें रहने वालों को तीन समय का भोजन और नाश्ता उपलब्ध कराया जाएगा।
साथ ही साफ पीने के पानी के लिए दवाओं का इंतजाम भी किया जाएगा। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से पानी निकालने की व्यवस्था की जाएगी ताकि स्थिति नियंत्रित रह सके। बाढ़ के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए नावों का इंतजाम किया जाएगा और नाव चलाने वाले नाविकों को सेवा देने के 24 घंटे के भीतर भुगतान कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, पशुओं की सुरक्षा को लेकर भी सरकार गंभीर है। बाढ़ से पहले ही उनका टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
बाढ़ प्रभावितों को जो राहत किट दी जाएगी, उसमें लाई, चना, भूना चना, चीनी, बिस्कुट, माचिस, मोमबत्ती, नहाने का साबुन, ढक्कन वाली बाल्टी, तिरपाल, आटा, चावल, आलू (10-10 किलो), अरहर दाल (दो किलो), हल्दी (200 ग्राम), मिर्च (100 ग्राम), सब्जी मसाला (200 ग्राम), सरसों का तेल (एक लीटर), नमक (एक किलो), सैनिटरी पैड (20), कपड़े धोने का साबुन, तौलिया, सूती कपड़ा , 20 डिस्पोजल बैग, एक मग और डेटॉल या सेवलान (100 मिली) शामिल होगा।
हालांकि, यह राहत किट सिर्फ बाढ़ पीड़ितों को दी जाएगी जो शरणालयों के बाहर रह रहे हैं।