कबीर आश्रम में आयोजित किया गया संगीतमय सत्संग
महोबा । संत कबीर अमृतवाणी सत्संग समिति के तत्वावधान में रविवार को शहर के कबीर आश्रम में संगीतमय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सत्संग में समिति प्रमुख के अलाव कबीर भक्तों ने श्रीमद् भागवत गीता, कबीर के दोहो से समाजसेवा करते हुए गरीबों और महिलाओं की आर्थिक मदद करने का संदेश दिया। इस मौके पर कवियों ने भी अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया।
सत्संग का आगाज करते हुए समिति प्रमुख व साईं डिग्री कालेज के प्राचार्य डा0 एलसी अनुरागी ने श्रीभागवत गीता की व्याख्या करते हुए कहा कि जो महापुरूष आदर्श प्रस्तुत करते हैं संपूर्ण विश्व उनका अनुषरण करता है, इसलिए समाज सेवियों को गरीब कन्याओं का विवाह, वृद्धो की सेवा, बच्चों को शिक्षा दिलाने के अलावा महिलाओं की आर्थिक मदद करना चाहिए। समाजसेवियों को हमेशा गरीबों को निशुल्क भोजन कराने जैसे शुभ कार्य करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सच्चे सेवक के पीछे तो सभीण्पीछे पीछे घूमते हैं जैसा कि कबीर ने अपने दोहे में कहा कि कबीर मन निर्मल भयो जैसे गंगा वीरए पीछे पीछे हरि फिरै कहैं कबीर कबीर।
शिक्षक सुखराम स्नेही ने शानदार भजन सुनाया कि किसको कहेगा तू मैयाए जिसने तुझको जन्म दियाए जिसने तुझको पाला। बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के गायक इंद्रजीत सिंह ने हे गुरू देव प्रणाम तुम्हारे चरणों में भजन प्रस्तुत किया। पूर्व प्रवक्ता कामता प्रसाद चौरसिया ने संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगीए हंसन की गति हंस ही जाने क्या जाने कोई काग रहे भजन सुनाकर उपस्थित लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
ढोलक बजाते हुए शिक्षक सुरेश सोनी ने गुरूवर तेरे चरणों की रज धूल जो मिल जाएए सच कहता हूं मेरी तकदीर बदल जाए रचना सुनाई। पं0 हरिशंकर नायक ने अंखिया हरि दर्शन की प्यासीए संगीत शिक्षक त्रिलोक ने पता नहीं किस रुप में आकर नारायण मिल जाएगा सुनाया। चंदनएवं रामऔतार सैन ने भी कबीर के भजन सुनाकर माहौल को कबीरी भक्ति से सराबोर कर दिया। इस मौके पर हरिश्चंद्र वर्माए नंदकिशोर सुरेश सोनी कामतापत सुनीता अनुरागी आदि ने भी दोहो और रचाना के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। अंत में पुजारी लेखनलाल द्वारा प्रसाद वितरण कर आए हुए लोगों का आभार व्यक्त किया।