अलीगढ़। थाना मडराक पुलिस ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय विरोधी वक्तव्य देने के सम्बन्ध में एक अभियुक्त गिरफ्तार किया है।
अभियुक्त अनस पुत्र ताजू उर्फ ताजुद्दीन निवासी घासीपुर थाना मडराक द्वारा आतंकवादियों द्वारा पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को सही ठहराते हुये भारतीय सेना द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ की गई कार्यवाही को गलत बताया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी की गई थी। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अमृत जैन के निर्देशन में व क्षेत्राधिकारी इगलास महेश सिंह के प्रर्यवेक्षण व अरविन्द कुमार थानाध्यक्ष मडराक द्वारा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के सम्बन्ध में एक अभियुक्त अनस पुत्र ताजू उर्फ ताजुद्दीन निवासी ग्राम घासीपुर थाना मडराक को उसके मस्कन से गिरफ्तार किया गया।
ऑपरेशन जागृति- किसी के बहकावें में आकर झूठे मुकदमें दर्ज न कराएं
अलीगढ़। शनिवार को ऑपरेशन जागृति अभियान के क्रम में थाना प्रभारियों, महिला पुलिसकार्मिकों द्वारा महिला एवं बालिकाओं को ऑपरेशन जागृति-4 के उद्देश्यों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है और अभियान का जन-जन तक प्रचार प्रसार करने की अपील की गई। अनुपम कुलश्रेष्ठ अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन आगरा द्वारा जोन स्तर पर महिलाओं / बालिकाओं की सुरक्षा / सशक्तिकरण / संवाद / परामर्श एवं विभिन्न प्रकार के अपराधों के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु जोन स्तर पर ऑपरेशन जागृति अभियान की शुरूआत की गयी थी।
ऑपरेशन जागृति-4 के 06 मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है-
1. महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध की रोकथाम, उनकी सुरक्षा, समानता व अधिकार पर चर्चा
2. महिलाओं को मोहरा बनाकर झूठे केस दायर करना
3. किशोरावस्था में प्रेम प्रसंगों के कारण घर से पलायन
4. साइबर हिंसा व सुरक्षा
5. नशे के दुष्परिणामों से बचाव
6. पारिवारिक विघटन (Marital Discord) के मामलों पर चर्चा
प्रशिक्षित बीट पुलिस अधिकारी, थाना प्रभारी/ बीट इंचार्ज द्वारा अपने – अपने क्षेत्रों के ग्राम पंचायत स्तर पर गाँवों मौहल्ले में महिलाओं एवं किशोरियों के साथ समन्वय करते हुए विभिन्न कार्यक्रम, नुक्कड़ सभा आयोजित कर जागृति के उद्देश्यों के प्रति जागरुक किया जा रहा है । बीट पुलिस अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत व विद्यालयों में भ्रमण कर छात्राओं को जागरुक किया जा रहा है।
आपरेशन जागृति अभियान की सहायता से महिलाओं / बालिकाओं के प्रति अपराधों में कमी आयेगी, गलत सूचनाएं दर्ज करने मे भी कमी आयेगी, कांउसलिंग और रिपोर्टिंग सिस्टम मजबूत होगा, पलायन सम्बन्धी मामलों में भी कमी आयेगी।
इन सभी परिस्थितियों में सामाजिक जागरूकता, संवाद शिक्षा और परामर्श की बेहद आवश्यकता है ताकि महिलायें एवं बालिकायें इस प्रकार के षडयंत्रों का शिकार न बने, भावनाओं में बहकर अपना जीवन बर्वाद न करें और उन्हें मोहरा न बनाया जाए, यदि वास्तव में उनके साथ किसी प्रकार का अपराध घटित होता है तो वह सच बोलने की हिम्मत रख पाये और विधिक कार्यवाही के साथ-साथ उनको counseling/support मिल सके।