डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज के शिया बाहुल्य कस्बा हल्लौर से दूसरा काफिला बुधवार की शाम को कर्बला के ज़ियारत के लिये रवाना हुआ। बताते चले की कर्बला शहर शिया मुसलमानों का पवित्र स्थल है हर शिया मुसलमान की ख्वाहिश होती है कि अपनी जिंदगी में एक बार शियों के पहले इमाम हज़रत अली अस व उनके बेटे हजरत इमाम हसन और इमाम हुसैन अस हज़रत अब्बास अस सहित अन्य रौजे की जियारत करे। जायरीनों का काफिला बुधवार को क्षेत्र के उपनगर हल्लौर से इराक व ईरान स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों की जियारत के लिए जायरीनों का काफिला रवाना हुआ।
इस काफिले में मर्द व ख्वातीन जायरीन शामिल है। रवानगी से पहले उपनगर हल्लौर स्थित इमामबाड़ा वक्फ शाह आलमगीर सानी में मजलिस का आयोजन किया गया। जिसे मौलाना अली अब्बास ज़ैनबी साहब ने इन धार्मिक स्थलों की विशेषता के साथ करबला की घटनाओं पर विस्तार से रोशनी डाली। अंत में कर्बला के शहीदों के मसाएब बयान किया तो हर तरफ रोने की आवाज़ सुनाई दी।
सकुशल यात्रा के लिए सभी लोगों ने अल्लाह की बारगाह में दुआएं की। मालूम हो कि जायरीनों का यह काफिला ईरान के मशहद, कुम, निशापुर, इराक के कर्बला व इसके बाद नजफ के मुकामी मुकद्दस जगहों पर जियारत करने के लिए जाएगा।
मजलिस पूर्व पेशख्वानी मुकामी शायरों मंज़र मास्टर आदि द्वारा व मर्सियाख्वानी शाहिद आलम व उनके हमनवा ने किया। बताते चले कि काफिले में हल्लौर से ज़ायरीनों में मौलाना अली अब्बास ज़ैनबी, बदरुल हसन लल्लू सर, मज़हर अब्बास मास्टर, शादाब हैदर मुन्नू इंजीनियर व 8 ख्वातीन के अलावा 5 ग्राम टड़वा से, 19 सुल्तानपुर से और 10 लखनऊ से कुल 46 जायरीन हज़रात जा रहे हैं।
मजलिस मे शमशाद हल्लौरी, ज़ाकिरे अहलेबैत अज़ीम हैदर, शमशुल बब्बू डायमंड, अली ताहिर राजा, हसन अब्बास, अलमदार हुसैन, शकील गुड्डू, मोजिज़, कुरबान, शमशाद हैदर, कामयाब हैदर, इन्तेजार हुसैन शवाब, काज़िम रज़ा, जमाल बीके, महफूज़, शबीह मास्टर, राहिब रिज़्वी, शराफत, असगर जमील, शमशाद हैदर, नौशा, मोहम्मद, अब्बास सर, मंजू, कदर रिजवी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।