सिद्धार्थनगर। भारत की कालजयी संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने हेतु कुरुक्षेत्र स्थित विद्याभारती संस्कृति शिक्षा संस्थान निरंतर प्रयासरत है।
उक्त बातें संस्कृति बोध परियोजना, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के अभियान प्रमुख राजेंद्र देव त्रिपाठी ने रघुवर प्रसाद जायसवाल सरस्वती शिशु मंदिर इंटर कॉलेज, तेतरी बाजार में कहीं। वह जिलेभर के शिशु मंदिरों एवं विद्या मंदिरों के प्रधानाचार्यों, आचार्यों व विद्या मंदिर तेतरी के छात्रों को अलग-अलग सत्रों में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि यह शिक्षा संस्थान वर्ष 1980 से संस्कृति बोध परियोजना के माध्यम से समाज में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहा है। इसी क्रम में 16 अगस्त से 31 अगस्त तक एक विशेष महाभियान चलाया जाएगा, जिसके अंतर्गत छात्रों को भारतीय संस्कृति, धर्म, इतिहास, पर्व-त्योहार, तीर्थस्थल, पवित्र नदियाँ-पर्वत तथा राष्ट्रीय महापुरुषों के बारे में सरल एवं रोचक ढंग से जानकारी प्रदान की जाएगी। कहा कि यदि छात्रों को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति, गौरवशाली इतिहास, महापुरुषों के जीवन-चरित्र व श्रेष्ठ राष्ट्रीय परंपराओं का परिचय कराया जाए तो समाज में आशा की नई किरण उत्पन्न हो सकती है।
विद्याभारती संस्कृति बोध परियोजना के प्रांत संयोजक दिवाकर ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता है कि भारतीय संस्कृति की महिमा को विश्वभर में फैलाया जाए। इसी उद्देश्य से विद्याभारती ने उच्च कोटि का साहित्य भी तैयार किया है और समाज के प्रत्येक प्रबुद्ध वर्ग तक यह जानकारी पहुँचाने का संकल्प लिया है।
संस्था के आचार्य, पूर्व छात्र, विद्वत परिषद, मातृ भारती तथा प्रबंध समिति के सदस्य समाज के कम से कम 10-10 व्यक्तियों को इस योजना से जोड़ने का प्रयास करेंगे। इस महाअभियान की सफलता के मूल्यांकन हेतु संपूर्ण देश में संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसमें कक्षा 8 से 12 तक के छात्र प्रवेशिका, मध्यमा, उत्तमा व प्रज्ञा श्रेणियों में प्रतिभाग करेंगे, और सभी को सहभागिता प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
इस आयोजन में विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव, बालिका परिसर की प्रधानाचार्या उमा सिंह, शिव शंकर पांडेय, अंगद पाठक, मदन मोहन सिंह, राजेंद्र दूबे, हरिकेश समेत सभी आचार्य बंधुओं एवं छात्र-छात्राओं उपस्थिति उल्लेखनीय रही।