ज्ञापन में एनसीईआरटी की किताबें न पढा कर महंगी किताबें खरीदने को किया जा रहा विवश
महोबा । निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ ने आवाज बुलंद की है, साथ ही स्कूलों में बच्चों से वसूली जा रही मनमानी फीस और एनसीईआरटी की किताबों को न पढा कर चहेते दुकानदारों के यहां से महंगी किताबें खरीदे जाने के लिए अभिभावकोें को मजबूर किए जाने के विरोध में मजदूर संघ ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर शासनादेश का पालन कराने की मांग की है। जिससे गरीब बच्चों के शोषण पर रोक लग सके।
जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में निजी स्कूलों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। स्कूल एनसीईआरटी की किताबों के बजाय महंगी किताबों की बाजार से खरीद कराई जा रही है। जिससे तमाम मजदूर और गरीब वर्ग के लोग किताबें नही खरीद पा रहे है। अभिभावकों को चुनिंदा दुकानों से किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके अलावा मनमानी फीस वसूली कर शिक्षा को व्यावसायिक बना दिया गया है।
भारतीय मजदूर संघ ने ज्ञापन में बताया कि बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र में मजदूर वर्ग पहले से ही महंगाई से जूझ रहा है। ऐसे में निजी स्कूलों की यह मनमानी उनकी परेशानियों को और बढ़ा रही है। संघ ने जिले के सभी निजी स्कूलों की जांच के लिए कमेटी गठित करने की मांग की है। साथ ही शासन की नियमावली को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया है। उनका मानना है कि इससे शिक्षा के नाम पर हो रहे आर्थिक शोषण पर रोक लगेगी। भारतीय मजदूर संघ ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।