नगरों में संस्कृत भाषाओं की पाठशालाएं खुलवाकर निशुल्क अध्ययन कराने का संकल्प लिया
ललितपुर। सनातन सांस्कृतिक संघ की राष्ट्रीय अध्यक्षा हरिप्रिया भार्गव के कुशल नेतृत्व एवं दिशा निर्देशन में सनातन संस्कृति सभी सनातनियों बौद्ध जैन सिख एवं दलित हरिजन क्षत्रिय, ब्राह्मण, पिछड़ी जातियों के एक विशाल समुदाय को एकता के सूत्र में बांधने का सफल प्रयास है। ललितपुर में सनातन सांस्कृतिक संघ की राष्ट्रीय अध्यक्षा हरिप्रिया भार्गव के नेतृत्व में पांचवां अति सफल कार्यक्रम की नगर शहर एवं जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों से आमंत्रित अपार एवं असंख्य श्रद्धालुओं के जन सैलाब को देखकर अचंभित हुए हैं। हरिप्रिया भार्गव ने श्रीश्री 1008श्री हनुमानजी के प्राकट्य दिवस पर शुभकामनाएं दी।
भारत की आजादी का शंखनाद जनपद ललितपुर के तालबेहट राजा मर्दन सिंह की नगरी से हुआ था। आज वहीं सनातन सांस्कृतिक संघ की राष्ट्रीय अध्यक्षा हरिप्रिया भार्गव के कुशल नेतृत्व एवं दिशा निर्देशन में सनातन संस्कृति सभी सनातनियों बौद्ध जैन सिख एवं दलित हरिजन क्षत्रिय ब्राह्मण पिछड़ी जातियों के एक विशाल समुदाय को एकता के सूत्र में बांधने का सफल प्रयास आज दिखाई दिया है। हरिप्रिया भार्गव ने जनपद से सनातनियों को जातिवाद के भेदभाव को खत्म करने का शंखनाद किया था, जिसका आज प्रत्यक्ष स्वरूप ढाई लाख से भी कहीं अधिक श्रद्धालुओं का जन सैलाब हरि प्रिया के सफल प्रयासों का परिणाम दिखाई दिया, जिसमें मातृशक्ति महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ कर अपनी अपनी सहभागिता दिखाई।
उन्होंने वैदिक वेद पुराणों शास्त्रों के ज्ञानार्जन करने के लिए गांव गांव शहर नगरों में संस्कृत भाषाओं की पाठशालाएं खुलवाकर नि:शुल्क अध्ययन कराने का संकल्प किया है, जिससे युवाओं में आगे आने वालीं पीढिय़ों को सहजता और सरलता से अपने अतीत को पहिचानने के अवसर से लाभांवित हों सकेंगे।