ललितपुर। बोधिसत्व भारत रत्न बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर जनपद में विभिन्न स्थानों पर जुलूस, शोभायात्राएं व विचार गोष्ठियों का आयोजन हुआ, जिसके क्रम में कलैक्ट्रेट सभागार में प्रभारी जिलाधिकारी अंकुर श्रीवास्तव व विकास भवन सभागार में सीडीओ कमलाकांत पाण्डेय की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसके साथ ही जेल चौराहा स्थित अम्बेडकर पार्क में अम्बेडकर महासभा के तत्वाधान में वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान बाबा साहब के चित्र पर दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये गए। साथ ही वक्ताओं ने बाबा साहब के व्यक्तित्व व कृतित्व पर अपने-अपने विचार प्रकट किये।
जनपद में विभिन्न क्षेत्रों में जुलूस व शोभायात्राएं निकाली गई व बाबा साहब की प्रतिमाओं पर राजनैतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों व आमजनों ने माल्यार्पण कर पुष्प वर्षा की। शासन के निर्देशों के क्रम में 14 अपै्रल से 28 अपै्रल तक बाबा साहब की जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयेाजन किया जाएगा, जो आज से प्रारंभ होकर 28 अपै्रल तक अनवरत चलते रहेंगे, इसके लिए ब्लॉकवार एवं तहसील वार अधिकारियों को नामित किया गया है। प्रभारी जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारियों ने बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण किया। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि महान विभूतियां संघर्ष से ही जन्म लेती हैं, चाहें व हमारे ईष्ठ हों या कोई व्यक्ति।
भगवान श्री राम को भी 14 वर्ष का वनबास काटना पड़ा था और श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था, इसी प्रकार बाबा साहब का जीवन भी संघर्षों से गुजरा है। प्रतिकूल परिस्थिति में भी उन्होंने 32 डिग्रियां हासिल की और पूरे विश्व का अध्ययन कर विश्व का सबसे बड़े संविधान- भारतीय संविधान की रचना की। उन्होंने बताया कि कोलम्बिया यूनिवर्सिटी में बाबा साहब की मूर्ति स्थापित है, जहां लिखा गया है कि आज तक बाबा साहब जैसे छात्र यूनिवर्सिटी में नहीं आये। बाबा साहब मात्र दलित समाज के नहीं, बल्कि पूरे भारतवासियों के लिए एक आइडल हैं, उनके सिद्धान्तों को हमें अपने जीवन में आत्मसात करना है।
उन्होंने सभी से कहा कि एकता व समरता के सिद्धान्त के साथ देश के विकास में भागीदार बनें। एडीएम नमामि गंगे राजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आजादी मिले हुए 78 वर्ष हो चुके हैं, आज तक कोई भी सामाजिक भेजभाव, साम्प्रदायिक भेदभाव देखने को नहीं मिलता, इसका कारण हमारे संविधान की शक्ति है, जो बाबा साहब की देन है। सीडीओ कमलाकांत पाण्डेय ने सबसे छोटे कर्मचारियों से बाबा साहब के चित्र का अनावरण कराया, तत्पश्चात उन्होंने स्वयं बाबा साहब को श्रद्धासुमन अर्पित किये। अग्निशमन अधिकारी ने कहा कि एक लम्बे समय सके जो लोग पिछड़े थे, जो शोषित और वंचित थे, उन्हें समानता की जरुरत थी, बाबा साहब ने भी ऐसा ही जीवन व्यतीत किया है, जिसके कारण उन्होंने व्यवस्था को बदलने का संकल्प लिया और संघर्ष करते हुए भारतीय संविधान की नीव रखी। डिप्टी कलैक्टर मनीष कुमार ने कहा कि इस बात को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता कि बाबा साहब ने किस तरह व्यवस्थाओं को बदलने की लिए संघर्ष किया। डिप्टी कलैक्टर मो.नासिर ने कहा कि बाबा साहब ने हमारे संविधान की रचना की, जिसमें समरसता का सूत्र दिया।
प्रोबेशन अधिकारी नन्दलाल सिंह ने कहा कि बाबा साहब ने संघर्षों के साथ जीवन जीते हुए कई कुरीतियों का अंत किया, भारत महापुरुषों की भूमि है, जिनके विचार सदा अजर-अमर हैं। ओएसडी अनिल दीक्षित ने कहा कि बाबासाहब का नारा था शिक्षित बनो, संगठित रहो, सशक्त बनो, उनके महान सोच और देश के प्रति उनके बलिदानों का फलस्वरुप पूरे विश्व में बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर जी की सर्वाधित प्रतिमाएं स्थापित हैं। यह हम सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है। प्रशा.अधिकारी वीरेन्द्र जैन ने कहा कि जो संघर्ष करता है व सदा के लिए अमर हो जाता है, ऐसे ही थे हमारे बाबा साहब। शहर में अम्बेडकर पार्क में भीमराव अम्बेडकर महासभा के तत्वाधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
यहां पर राजनैतिक दलों, अधिकारियों व प्रबुद्धजनों ने बाबासाहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और अपने-अपने विचार प्रकट किये। कार्यक्रम में अम्बेडकर महासभा के संयोजक दीपक कुमार गौतम के द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन कराया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत/सेवानिवतृत्त प्रबुद्धजनों ने बच्चों को मार्गदर्शन किया और उन्हें बाबा साहब के सिद्धान्तों पर चलने के लिए प्रेरित किया। गोष्ठी में बताया गया कि आजादी मिलने के बाद देश चलाने के लिए संविधान की आवश्यकता पड़ी, जिस कारण बाबा साहब को संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। संचालन बृजमोहन संज्ञा ने व आभार एडीएम नमामि गंगे ने व्यक्त किया।