जिलाधिकारी ने जनपद के सी बी एसई एवं आई सी एसई बोर्ड के विधालयो के प्रधानाचार्यो के साथ बैठक की

0
32

कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ राजेन्द्र पैंसिया की अध्यक्षता में जनपद के सीबीएसई बोर्ड एवं आईसीएसई बोर्ड के जनपद के विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक के अन्तर्गत एनसीईआरटी की पुस्तकों को अनिवार्य करने पर विचार विमर्श तथा छात्र एवं छात्राओं से लिए जाने वाले शुल्क पर चर्चा,छात्र एवं छात्राओं की यूनिफॉर्म बदलने पर चर्चा तथा अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा को लेकर चर्चा की गयी।

जिला विद्यालय निरीक्षक श्यामा कुमार ने विद्यालयों की संबद्धता के विषय में जानकारी दी तथा उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बच्चों का निजी स्कूलों में एडमिशन के लिए 10 प्रतिशत सीट निर्धारित हैं तथा उन पर विद्यालय शासन के नियम अनुसार शुल्क प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत 6 वर्ष से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को मौलिक अधिकार के अन्तर्गत निशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, इसके अंतर्गत निजी विद्यालयों में आरटीई एक्ट के अन्तर्गत 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। उन्होंने जिला शुल्क नियामक समिति के विषय में भी जानकारी दी। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी विद्यालय बिना जिला शुल्क नियामक समिति के अपने विद्यालय की शुल्क में अगर वह वृद्धि करता है तो वह मान्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोई भी विद्यालय 60 दिन पूर्व जिला शुल्क नियामक समिति को सूचित करेगा कि उनके विद्यालय के शुल्क में कितनी वृद्धि हो रही है और उसके कारण भी उनको दर्शाने होंगे समिति के अनुमोदन के बाद ही नियम अनुसार शुल्क में वृद्धि की जा सकती है अगर कोई बिना अनुमोदन के शुल्क में वृद्धि करता है तो समिति के माध्यम से उसे पर कार्यवाही की जाएगी इसके अंतर्गत जो प्रथम बार नियमों का उल्लंघन करेगा उसे पर एक लाख रुपये का अर्थ दंड लगाया जाएगा जबकि दूसरी बार नियमों को उल्लंघन करने पर पांच लाख का अर्थ दंड एवं तीसरी बार नियमों के उल्लंघन करने पर उस विद्यालय की मान्यता रद्द की जाएगी। जिलाधिकारी ने विद्यालय में पाठ्य पुस्तकों को लेकर निर्देशित करते हुए कहा कि विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तक लगाई जाएं। अगर किसी के पास एनसीईआरटी की पुस्तक उपलब्ध नहीं है तो वह इसकी सूचना जिला विद्यालय निरीक्षक को उपलब्ध कराएं ताकि समय रहते हुए उनको एनसीईआरटी की पुस्तक उपलब्ध कराई जा सकें। जिलाधिकारी ने यूनिफॉर्म बदलाव को लेकर निर्देशित करते हुए कहा कि 5 वर्ष से पहले इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता। यूनिफॉर्म में बदलाव केवल जिला शुल्क एवं नियामक समिति के अनुमोदन के पश्चात ही हो सकता है।

जिलाधिकारी ने शिक्षा को लेकर भी चर्चा की और उन्होंने शिक्षा के लक्ष्य के विषय में भी बताया उन्होंने बताया कि शिक्षा के माध्यम से विद्या दी जाती है उन्होंने शिक्षा के पांच प्रकारों के विषय में भी बताया उन्होंने कहा कि अच्छा शिक्षक वह होता है जो आत्मीयता , एकात्मकता एवं आंतरिक संबंधों के आधार पर शिक्षा देता है एनसीईआरटी की पुस्तक सभी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं और पीसीएस IAS के एग्जाम के लिए महत्वपूर्ण होती हैं विद्यालयों में इन पुस्तकों को ही लगाया जाए।

जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि 17 अप्रैल को पुनः निजी विद्यालयों के साथ बैठक की जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि अगर किसी अभिभावक को विद्यालय के संबंध में कोई शिकायत है तो वह जिला विद्यालय निरीक्षक या जिलाधिकारी कार्यालय पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि वह कक्षा एक से कक्षा 12 की निजी विद्यालयों में चलाई जा रही पुस्तकों के एक-एक सैट अपनी टीम लगाकर प्राप्त करें ताकि पाठय् पुस्तकों के विषय में जानकारी प्राप्त हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में रोड सेफ्टी क्लब का गठन भी सुनिश्चित किया जाए और विद्यालयों में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे अगर स्कूटी या मोटरसाइकिल से आते हैं तो उसे पर भी रोक लगाई जाए।जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद संभल को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना ही हमारा उद्देश्य है जिलाधिकारी ने विद्यालयों को श्री अन्न के प्रति भी जागरूक किया।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट, अपर जिलाधिकारी प्रदीप वर्मा,उप जिलाधिकारी सम्भल वंदना मिश्रा, जिला विद्यालय निरीक्षक श्याम कुमार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा एवं सीबीएसई एवं आईसीएसई के विद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here