Monday, May 19, 2025
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HomeUttar PradeshLalitpurबिना पंजीकृत वाटर प्लाण्टों से बेचा जा रहा बोर का पानी

बिना पंजीकृत वाटर प्लाण्टों से बेचा जा रहा बोर का पानी

पंजीकरण न कराने और एनओसी न लेने पर 2 से 5 लाख तक के जुर्माने का है प्रावधान

छह माह से एक साल तक की सजा भी हो सकती है

लोगों के जीवन से सीधे तौर पर खिलबाड़ कर रहे आर.ओ.प्लाण्ट संचालक

गली-कूचों में खुले प्लाण्टों से संक्रामक रोगों के फैलने के आसार बलवान

ललितपुर। जिले में कितना बड़ा नेटवर्क चिल्ड वॉटर (कंटेनरों में बिकने वाले पानी) आपूर्ति का है, इसका कोई सटीक आंकड़ा सम्बन्धितों के पास भी नहीं है। लेकिन बिना किसी पंजीकरण के धड़ल्ले से संचालित हो रहे आर.ओ.वाटर के प्लाण्ट लोगों की सेहत पर सीधे तौर पर खिलबाड़ कर रहे हैं। शहर के प्रत्येक वार्ड, मोहल्ले, गलियों और व्यवसायिक भवनों, दुकानों, शादी समारोहों में, पार्टियों के अलावा प्रत्येक सार्वजनिक कार्यक्रमों में ऐसे आर.ओ.वाटर का उपयोग भी किया जाता है, लेकिन इसके पीछे आज तक किसी जिम्मेवार ने यह जानने का प्रयास तक नहीं किया कि संचालित हो रहे ऐसे आर.ओ. वाटर प्लाण्ट जो सीधे तौर पर लोगों के बीच भेजे जा रहे हैं वह पंजीकृत संस्थान है या नहीं, यहां स्वच्छता का पैमाना क्या है ? पंजीकृत न होने के चलते यह सरकार को राजस्व की टैक्स के रूप में भी भारी क्षति पहुंचा रहे हैं।

दरअसल, गली-कूचों में भारी भरकम बोर कराकर बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिये ही व्यापक पैमाने पर धरती से पानी का दोहन किया जा रहा है। पानी को ठण्डा करने के लिए प्लांट लगाते हुये 15 लीटर क्षमता वाले कंटेनरों में पानी को भरकर बेच दिया जा रहा है। जबकि विगत दिनों मुख्य विकास अधिकारी कमलाकान्त पाण्डेय ने नोटिस जारी करते हुये ऐसे आर.ओ.प्लाण्ट संचालकों को उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल प्रबन्धन एवं विनियमन अधिनियम 2019 की धारा 39 के अन्तर्गत बिना पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल का दोहन करने पर दोषी पाये जाने पर 2 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना एवं 6 माह से 1 वर्ष तक का कारावास अथवा दोनों होने के प्रावधान होने की बात कही थी। बावजूद इसके ललितपुर में संचालित आर.ओ.प्लाण्ट संचालकों ने न तो झांसी के नदनपुरा स्थित कार्यालय सीनियर जियोफिजिसिस्ट, भूगर्भ जल विभाग में पंजीकरण कराया है और न ही सम्बन्धित विभाग से भूगर्भ जल दोहन का अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया है। इस मामले में विकास भवन स्थित अमृत जल योजना के कार्यालय जाकर जानकारी ली गयी तो बताया गया कि एक भी आर.ओ.प्लाण्ट पंजीकृत नहीं है। ऐसे में कैसे यह आर.ओ.प्लाण्ट खुलेआम धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं, यह समझ से परे हैं।

सफाई की प्रमाणिकता का नहीं है कोई पैमाना जिले में संचालित आर.ओ.प्लाण्ट से जो पानी ठण्डा करके सार्वजनिक स्थलों और लोगों तक सीधे तौर पर उपयोग के लिए बेचे जा रहे हैं, उनमें कंटेनरों की नियमित सफाई और स्वच्छता का कोई पैमाना नहीं है। वहीं माना जाता है कि संक्रामक रोग सबसे अधिक पानी से ही फैलते हैं। ऐसे में स्वच्छता न होने के कारण लोगों के जीवन से आर.ओ. प्लाण्ट संचालक सीधे तौर पर खिलबाड़ कर रहे हैं। इस पर जिला प्रशासन ध्यान देकर जांच कराये तो स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

नकली बोतलों के पानी और पानी पाउचों का भी बोलवाला ऐसा नहीं है कि जिले में सिर्फ आर.ओ.प्लाण्ट से ही कंटेनरों में पानी बेचा जा रहा है, बल्कि नामचीन कम्पनियों की तरह जिले में भी कुछ लोगों द्वारा कम्पनी बनाकर बोतलों में पानी बेचने का व्यापार किया जा रहा है। ऐसे बोतलों में पानी बेचने के लिए व्यापारियों ने अपने संस्थान को पंजीकृत कराया है या नहीं, यह जानकारी भी सम्बन्धितों के पास नहीं है। ऐसे में नकली बोतलों के पानी के अलावा पानी के सस्ते पाउचों के व्यापार का भी बोलवाला काफी है।

पक्के बिल न देकर किया जा रहा राजस्व चोरी आर.ओ.प्लाण्ट और बोतलों, पाउचों में धड़ल्ले से बिक रहे पानी को लेकर न तो किसी दुकानदार और न ही ऐसे प्लाण्ट संचालकों द्वारा पक्का बिल नहीं दिया जा रहा है, जिससे यह बात तो स्पष्ट है कि बिना पंजीकरण के संचालित ऐसे संस्था व्यापक पैमाने पर राजस्व की चोरी कर सरकार को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे प्लाण्टों को जल्द से जल्द पंजीकरण और एनओसी के अलावा जीएसटी के दायरे में लाकर शासन को हो रहे नुकसान से बचाया जा सकता है।
दो व तीन पहिया के कण्डम वाहनों से सप्लाई जारी आर.ओ.प्लाण्ट संचालक कंटेनरों की सप्लाई के लिए तीन व दो पहिया वाहनों का अधिकतर उपयोग कर रहे हैं। जिसमें आमतौर पर देखा जा सकता है कि ऐसे दो पहिया वाहन हों या तीन पहिया वाहन यह सभी कण्डम स्थिति में हैं। तीन पहिया वाहन में आर.ओ.प्लाण्ट द्वारा एक करीब साढ़े सात सौ या फिर एक हजार लीटर की टंकी रखकर बाजारों में पानी बेचा जा रहा है। ऐसी स्थिति में यह भी स्वत: अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे दो व तीन पहिया के कण्डम वाहनों से सप्लाई जारी है।

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