Tuesday, May 20, 2025
spot_img
HomeSliderGhaziabad में बैंक ऑफ इंडिया शाखा के चीफ मैनेजर के घर छापेमारी,...

Ghaziabad में बैंक ऑफ इंडिया शाखा के चीफ मैनेजर के घर छापेमारी, CBI को मिले कई अहम दस्तावेज

सीबीआई ने गाजियाबाद में बैंक ऑफ इंडिया शाखा के चीफ मैनेजर के आवास पर छापेमारी की। इस दौरान सीबीआई की टीम को उनके घर से कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इस दौरान सीबीआई की टीम ने चीफ मैनेजर दिनेश सिंह से भी पूछताछ की। आगे विस्तार से जानिए आखिर उनके आवास पर छापेमारी क्यों की गई है और पूरा मामला क्या है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मेरठ की बैंक ऑफ इंडिया शाखा के चीफ मैनेजर (ला मैनेजर) दिनेश सिंह के गुलमोहर सोसायटी स्थित आवास पर छापेमारी की। सीबीआई ने उनके आवास से जरूरी दस्तावेज जब्त किए और दिनेश से लंबी पूछताछ की।

सीबीआइ ने दिनेश और पैनल बैंक की अधिवक्ता सुप्रिया मिश्रा के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है। इन पर नीलामी खरीदार से अनुचित लाभ लेने और न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप है।

सीबीआई में दर्ज कराई गई थी शिकायत

मेरठ के राजीव कुमार ने 20 सितंबर 2024 को सीबीआई में एक शिकायत दर्ज कराई थी। राजीव ने आरोप लगाया था कि उन्होंने और उनके भाई संजीव कुमार ने बैंक ऑफ इंडिया, खैर नगर मेरठ से 48 लाख रुपये का लोन लिया था। यह लोन खैर नगर मार्केट में स्थित दुकान को गिरवी रखकर लिया गया था। लोन न चुकाने कारण बैंक ने वर्ष 2014 में इसे नान-परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) घोषित कर दिया।

बैंक ने संपत्ति को कर दिया नीलाम

इसके बाद बैंक ने संपत्ति को नीलाम कर दिया। दुकान संख्या 418 और 419 (पुराना नंबर 135 और 154) को मोहम्मद सुहेल और मोहम्मद सैफ ने खरीदा था। उनका आरोप था कि बैंक आफ इंडिया के प्रबंधक दिनेश सिंह और पैनल अधिवक्ता सुप्रिया मिश्रा ने नीलामी खरीदार मोहम्मद सुहेल और मोहम्मद सैफ से अनुचित लाभ की मांग की।

सीबीआई को घर से मिले कई अहम दस्तावेज

वहीं, शिकायतकर्ता राजीव कुमार को अनुचित फायदा देने का दबाव बनाया। दोनों अधिकारियों ने न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने और अपने पक्ष में फैसले के लिए निजी लाभ उठाने की कोशिश की। जिसके बाद सीबीआई ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। सीबीआई ने प्रबंधक के आवास पर छापेमारी की। उनके घर से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए।

हाईकोर्ट ने भी दिया था आदेश

यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था। 29 फरवरी 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि बैंक शेष राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के बाद विवादित दुकान का कब्जा राजीव कुमार दिया जाए। साथ ही पांच सितंबर 2024 को हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि बैंक को नीलामी खरीदारों को उनकी धनराशि मार्जिनल कास्ट आफ फंडस बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) ब्याज सहित वापस करनी होगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular