शोहरतगढ़ सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ विकास क्षेत्र में पड़ने वाले महसई सागर में मछुआरों द्वारा महीन यानी बारीक जाली वाले जाल से मछली पकड़ने का कार्य किया जा रहा है, जिससे सागर में मौजूद सूक्ष्म जीव जन्तु व मछ्ली के छोटे बच्चे, अंडे सब जाल में फस कर बाहर आ जातें हैं। जिससे कुछ ही देर में सब मर जाते हैं। और सागरो से धीरे धीरे देशी मछलियों का आस्तित्व खत्म हो जा रहा है।
मंगलवार को शोहरतगढ़ तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस पर मदरहना जनूबी के टोला पडरहवा निवासी अमीरुल्लाह के साथ ग्रामीणों ने शिकायत पत्र दिया कि हमारे ग्राम पंचायत में स्थिति महसई सागर मिन्टू पुत्र मो0 यासीन के नाम से मछ्ली मारने के लिए पट्टा है।जबकि पट्टा धारक को मछ्ली मारने के लिए विभाग द्वारा दिशा-निर्देश दिया गया था। और मछ्ली मारने के लिए बड़े जाल का ही उपयोग करनें का निर्देश दिया गया था।जबकि मछुआरों द्वारा एकदम बारीक जाली का प्रयोग करके पूरे सागर को खंगाल जा रहा हैं, जिससे जल में रहने वाले तमाम छोटे-बड़े जीव जन्तु के साथ मछ्ली के छोटे-छोटे बच्चे अंडे सब जाल में छनकर बाहर आ जातें हैं और सब कुछ ही मिनट में मर कर नष्ट हो जाते हैं।
जिससे देशी प्रजाति की तमाम मछलियां विलुप्त होती जा रही है। पानीं में मौजूद तमाम जीव जन्तु एक दूसरे के पूरक होते हैं जिससे मछलियों का विकास होता है साथ ही इस पोषक तत्व से परिपूर्ण पानीं के सिंचाई से किसानों के खेत उपजाऊ होते हैं। ग्रामीणों ने छोटे और महीन जाली वाले जाल का विरोध करतें हुए पट्टा धारक के विरुद्ध कार्रवाई करनें के साथ सरकारी सागर व तालाबों में छोटे व महीन जाली के जाल का उपयोग ना करनें की मांग किये है। समाधान दिवस पर ग्रामीण अमीरुल्लाह, क्षेत्र पंचायत सदस्य सर्वजीत यादव,राम अधीन,पप्पू शुक्ला,राम तिलक,हीरा,साकिर अली,शमसुल्लाह,मो0अली, रामकेश यादव उपस्थित रहे।