मुसलमानों का रोजा, कुरान की तिलावत, नमाज और दुआ में गुजार रहे दिन
कुशीनगर। रमजान के मुकद्दस महीने का मंगलवार को 17वां रोजा बीत चुका है। रोज भोर में जगकर रोजेदार सहरी करने के बाद पूरे दिन इबादत के दौर में हैं। बच्चों के रोज़े का उत्साह देखते बन रहा है वे भी दिन भर रोजा रख पाक परवर दिगार से (बिना खाए-पिए) मुल्क की तरक्की और अमन की दुआ मांग रहे हैं।
इस क्रम में मोग़लपुरा छावनी निवासी नेशनल धावक मरहूम निज़ामुद्दीन खां उर्फ राजू रेशर की छ: वर्षीय सुपुत्री अनाबिया निजाम ने अल्लाह पाक की रजा के लिए आज अपना 17वा रोजा मुकम्मल किया है। यही नहीं यह बच्ची इस साल से अपने रोजा की शुरुआत की है साथ ही वो बताती है कि रमजान शरीफ के महीने में अल्लाह पाक लोगों की गुनाहों को माफ कर देते हैं और अपनी रहमत और बरकत अता फ़रमाते हैं जिसमें अपने बन्दों की दुआ कुबूल फ़रमाते हैं यह बच्ची अपने मरहूम अब्बु के लिए दुआएं करतीं हैं कि अल्लाह पाक उनको जन्नतुल फ़िरदौस में आला से आला मकाम अता फरमाए।
इसी प्रकार पडरौना अम्बे चौक निवासी आठ वर्षीय आफिया इद्रीसी भी रोजा रख दिन भर अल्लाह की रजा में दिन गुजार रही है। इसी प्रकार सात वर्षीय अक्शा आफताब पुत्री आफताब आलम ने दुसरा रोजा रखा है, तो आठ वर्षीय मोहम्मद कौनैन निवासी महाराणा प्रताप नगर, चौरिया पड़रौना ने भी रोजा रखा है। सात वर्षीय जुबेर अंसारी निवासी भरौली, कसया, कुशीनगर ने भी रोजा रखा है। छ वर्षीय फजल निवासी बेतिया, विशुनपुरा ने भी रोजा रखा है। आठ वर्षीय शाहिदा पुत्री कयामुद्दीन अंसारी निवासी तेजवलिया ने भी रोजा रखा है। नौ वर्षीय मोहम्मद आरिफ निवासी सोहनरिया ने भी रोजा रखा है। इसी प्रकार पडरौना के कन्हैया टाकीज निवासी मात्र नौ वर्षीय मोहम्मद अजमत ने सभी रोजा रखा हुआ है।
इसी प्रकार जंगल खिरकिया नई बस्ती निवासी नौ वर्षीय आफरीन खातून पुत्री नसरुद्दीन मंसूरी ने मुकम्मल रोजा रखा हुआ है। इसी प्रकार कटनवार रोड मीर गंज मोहल्ला पडरौना निवासी दस वर्षीय समद कुरैशी और छ: वर्षीय राशिद कुरैशी ने भी रोजा रखा है। इसी प्रकार मो. एहसान अंसारी निवासी जंगल अमवा ने भी रोजा रखा है। इन सभी बच्चे रोजेदारों का उत्साह देखते बन रहा था। शाम को इफ्तार के समय इन इन बच्चों द्वारा इफ्तार की गई एवं देश व दुनिया में अमन के लिए अल्लाह पाक से दुआ मांगी गई। इसी प्रकार मुस्लिम घर के बड़े व बुजुर्ग रोजेदारों ने भी भोर में सहरी की उसके बाद पूरे दिन इबादत का दौर चलता रहा।
घरों में जहां कुरान की तिलावत होती रही। वहीं, मस्जिदों में नमाज़ियों की भारी संख्या रही। शाम को इफ्तार के वक्त से पहले रोजेदारों के लिए अफ्तारी के लिए फलों के ठेलों पर भीड़ दिखाई दी। अन्य दुकानों पर भी रोजेदारों की भीड़ लगी रही। मगरिब की अजान के बाद इफ्तार हुआ। उसके बाद तरावीह की नमाज के लिए मुस्लिमजन जुटने लग रहें हैं।