Tuesday, March 18, 2025
spot_img
HomeLucknowकुरआन मजीद तक हम बंदों की रसाई अज़ीम इलाही फ़ैज़: मौलाना सय्यद...

कुरआन मजीद तक हम बंदों की रसाई अज़ीम इलाही फ़ैज़: मौलाना सय्यद हैदर अब्बास रज़वी

रुदौली शरीफ में प्रोग्राम ‘एक शाम कुरआन के नाम’ का भव्य आयोजन
लखनऊ/रुदौली (अयोध्या): बहारे कुरआन पाक के महीने यानि माहे रमज़ान में कुरआनी बरकतों से फ़ैज़ियाब होने के लिए रुदौली शरीफ, जिला अयोध्या में “एक शाम कुरआन के नाम” के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रोग्राम खास और आम में काफी माकबूल हो रहा है। इस कार्यक्रम का आग़ाज़ 2016 में नौजवान मुहब्बलिग मौलाना सय्यद हैदर अब्बास रिज़वी की देखरेख में हुआ था, जिसे रुदौली के धार्मिक और सामाजिक कामों में अग्रणी हर्दिल अज़ीज़ ताज रुदौलवी ने शुरू किया था। तब से आज तक यह कार्यक्रम हर साल माहे रमज़ान में भव्य रूप से आयोजित किया जाता है।
इस साल, रुदौली की मस्जिद इरशादिया में “एक शाम कुरआन के नाम (तज़करा कुरआन व अहलेबैत)” ने एक अलाहदा इलाही और क़रआनी खुशबू को फैला दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत रात 8 बजे, कुरआन मजीद की तरतील से प्रसिद्ध कारीए कुरआन मौलाना एजाज़ हुसैन कश्मीरी ने की, जहां उन्होंने सभी उपस्थित लोगों के साथ सूरह मोमिनून की तिलावत की। इसके बाद, मेहमान शायर जनाब फसाहत जौनपुरी ने नात पढ़ी, जिसमें उन्होंने पैगंबर मोहम्मद (स०अ०) की शान में अपने अशआर पढ़कर महफिल में रंग बिखेर दिए।
कार्यक्रम में कारी एजाज़ कश्मीरी ने फिर से सूरह हशर की कुछ आयतों की शानदार तिलावत की, जिसे सुनकर सभी हाज़रीन ने ‘सुब्हानअल्लाह’ के नारे लगाए।
नौजवान नाज़िम अली ज़ीशान ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मस्जिद इरशादिया के इमाम-ए-जमात जनाब मौलाना मोहम्मद अली इलाहंदी को दावत-ए-ख़ुतबा दिया। मौलाना इलाहंदी ने अपनी तकरीर में कुरआन पाक की अहमियत पर रौशनी डाली और कहा कि 14 सदियों से कुरआन मजीद पर कोई पुराना पन नहीं आई है।
इससे पहले, रुदौली के नौजवान मद्दाह अली शावेज़ ने इमाम हसन मुजतबा (अ०स०) की शान में खूबसूरत अशआर पढ़े, जिन पर हाज़रीन ने काफी दाद दी।
रुदौली के इमाम जुमा मौलाना सरफराज़ हुसैन ने हदीस की रौशनी में कुरआन पाक की तिलावत की अहमियत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सौ दो सौ आयतें पढ़ने में कठिनाई महसूस करता है, तो उसे इस माहे रमज़ान के मौके पर एक आयत पढ़कर पूरे कुरआन की तिलावत का सवाब मिल सकता है।
मेहमान शायर फसाहत जौनपुरी और मौलाना एजाज़ हुसैन ने अपनी दिलकश आवाज़ से माहौल को संजीवनी दी, जिससे कार्यक्रम में नारे-ए-तकबीर, नारे-ए-रिसालत और नारे-ए-हैदरी की आवाजें गूंज उठीं।
कार्यक्रम की आखिरी तकरीर मौलाना सय्यद हैदर अब्बास रिज़वी ने शुरू की, जिसमें उन्होंने कुरआन पाक की प्रसिद्ध आयत पढ़ी: “हमने कुरआन मजीद को शब-ए-क़दर में नाज़िल किया, यह कुरआन किताब हिदायत है सभी बशरियत के लिए।” मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी ने कहा कि आज जबकि बहुत से धर्मों की मुकद्दस किताबें उनके अनुयायियों तक नहीं पहुंचतीं, उस वक्त अल्लाह का करम है कि उसने उम्मत मुस्लिम को कुरआन पाक जैसी अज़ीम नेअमत से नवाज़ा। उन्होंने यह भी कहा कि हिदायत पाने के लिए तकवे (धर्मनिष्ठा) का होना ज़रूरी है, और तकवा प्राप्त करने का सबसे अच्छा जरिया रोज़ा है।
मौलाना सय्यद हैदर अब्बास रिज़वी ने कहा कि रुदौली के लोग इस कार्यक्रम को किसी निजी आयोजन के रूप में न लें, बल्कि इसे भविष्य में एक बड़े स्तर पर आयोजित करें और सभी धर्मों के लोगों को इसमें भाग लेने का आमंत्रण दें ताकि दुश्मनों की साजिशों को नाकाम किया जा सके। कुरआन मजीद हमें जोड़ने का काम कर सकता है।
मौलाना सय्यद हैदर अब्बास ने यह भी कहा कि जो चीज़ें आज विज्ञान साबित कर रहा है, उसे कुरआन पाक ने सदियों पहले बयान किया था। उन्होंने अहलेबैत (अ०स०) को कुरआन की सही संतान बताते हुए कहा कि आज का मुसलमान यह समझे कि जिस तरह संपत्ति की खरीदारी के बाद रजिस्ट्रेशन के कागज़ात की ज़रूरत होती है, उसी तरह इस्लाम में कुरआन की असलियत का प्रमाण हज़रत मोहम्मद साहब और उनके अहले बैत (अ०स०) हैं।
कार्यक्रम का समापन दुनिया भर के मज़लूमों की सलामती, मानवता के दुश्मनों की नाकामी और देश में अमन की बहाली की दुआ के साथ हुआ।
इस अवसर पर, मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिज़वी ने ‘नहज-ए-बलाग़ा’ का एक सुंदर संस्करण ‘इदारा इल्म व दानिश’ से प्रकाशित किया गया इर्शाद मंज़िल की लाइब्रेरी सहित अन्य मेहमानों को प्रस्तुत किया।
यह प्रोग्राम रुदौली के युवा जागरुक आकीफ कुमैल की मेहनत से आईज़ेड यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित लोग, जिनमें मास्टर शमीम हुसैन, डॉक्टर क़मक़ाम अली, चौधरी अकबर मेहदी औन, डॉक्टर अख्तर रज़ा, क़ारिब क़रनी, चौधरी मक्की मियां, साबिक़ एमएलए और मंत्री अब्बास अली ज़ैदी रशदी मियां, डॉक्टर सैयद नज़ीर अब्बास के अलावा इलाहाबाद, लखनऊ, ऊंचाहार रायबरेली, शहर फ़ैजाबाद, भदरसा, सीबार और अन्य जगहों के लोग शामिल थे जिन्होंने  कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
प्रोग्राम के आयोजक ताज रुदोलवी ने सभी अतिथियों और उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया और इस आयोजन को अगले साल तक स्थगित करने की घोषणा की।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular